केंद्रीय मंत्रिमंडल ने उत्तर प्रदेश के जेवर में सेमीकंडक्टर निर्माण इकाई को मंजूरी दे दी है, जो भारत की छठी इकाई होगी। यह एक एचसीएल और फॉक्सकॉन का संयुक्त उपक्रम होगा। जिसे जेवर एयरपोर्ट के पास स्थापित किया जाएगा। उत्पादन 2027 से शुरू होगा।
एचसीएल को हार्डवेयर के विकास और निर्माण में लंबा अनुभव है, वहीं फॉक्सकॉन एक वैश्विक इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण कंपनी है। ये दोनों मिलकर यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) क्षेत्र में प्लांट लगाएंगे।
चिप यूनिट में 3,700 करोड़ रुपये का निवेश
अन्य पांच इकाइयों पर कार्य प्रगति पर है। जिनमें से एक का उद्घाटन इस साल के अंत में होने की संभावना है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक के बाद पत्रकारों को बताया।
जेवर की यह इकाई 20,000 वेफर्स प्रति माह की क्षमता वाली होगी। इसमें 36 मिलियन (3.6 करोड़) चिप्स प्रति माह का उत्पादन होगा, मंत्री ने कहा।
यह चिप्स मोबाइल फोन, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल, पीसी आदि में उपयोग की जाएंगी।
भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग अभी भी प्रारंभिक अवस्था में है, लेकिन कई घरेलू और बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ इसके विशाल संभावनाओं का दोहन करने की योजना बना रही हैं। कोविड काल में हुई चिप की कमी ने देश के लिए स्थानीय निर्माण, राष्ट्रीय सुरक्षा और स्वदेशी नवाचार के महत्व को उजागर किया।
पाँच सेमीकंडक्टर इकाइयाँ गुजरात और असम में निर्माणाधीन
अन्य पाँच सेमीकंडक्टर इकाइयाँ गुजरात और असम में निर्माणाधीन हैं। सरकार ने कहा, “पाँच सेमीकंडक्टर यूनिट्स पहले से ही निर्माण के उन्नत चरणों में हैं। इस छठी इकाई के साथ, भारत इस रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण उद्योग को विकसित करने की यात्रा में आगे बढ़ रहा है।”
“भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग आकार ले रहा है। देश के कई राज्यों में विश्व स्तरीय डिज़ाइन सुविधाएँ स्थापित हो चुकी हैं। राज्य सरकारें डिज़ाइन फर्मों को सक्रिय रूप से प्रोत्साहित कर रही हैं।”
270 शैक्षणिक संस्थानों और 70 स्टार्टअप्स में छात्र और उद्यमी नवीनतम डिज़ाइन तकनीकों पर काम कर रहे हैं। इन शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों द्वारा विकसित 20 उत्पादों को SCL मोहाली द्वारा टेप आउट किया गया है।
जैसे-जैसे भारत सेमीकंडक्टर यात्रा में आगे बढ़ रहा है, पारिस्थितिकी तंत्र से जुड़े भागीदारों ने भी भारत में अपनी सुविधाएँ स्थापित की हैं। अप्लाइड मैटेरियल्स और लैम रिसर्च दो प्रमुख उपकरण निर्माता हैं, जिनकी अब भारत में उपस्थिति है। इसके अलावा मर्क, लिंडे, एयर लिक्विड, इनॉक्स और अन्य गैस व रसायन आपूर्तिकर्ता भी इस क्षेत्र में संभावित वृद्धि के लिए तैयार हो रहे हैं।
लैपटॉप, मोबाइल फोन, सर्वर, मेडिकल डिवाइस, पावर इलेक्ट्रॉनिक्स, रक्षा उपकरण और उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स के निर्माण में तेजी से बढ़ती मांग के साथ, यह नई इकाई भारत के आत्मनिर्भर भारत के विजन को और मजबूती प्रदान करेगी।