81,000 के नीचे फिसला बाजार, निवेशकों में चिंता
- बाजार की शुरुआत लाल निशान में हुई।
- वैश्विक संकेतों और घरेलू अस्थिरता के चलते निवेशकों ने बिकवाली का रुख अपनाया।
- सेंसेक्स में 600 से ज्यादा अंकों की गिरावट देखी गई और यह 81,000 के स्तर के करीब कारोबार कर रहा है।
निफ्टी में भी 200 अंकों की गिरावट
- निफ्टी 200 अंक गिरकर 24,400 के आस-पास कारोबार कर रहा है।
- मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों पर भी दबाव बना रहा।
- बाजार की चौड़ाई नकारात्मक दिखी – बिकवाली का दबाव ज्यादा रहा।
Sensex : आज यानी 26 अगस्त को गिरावट है। सेंसेक्स (Sensex) 600 अंक नीचे 81,000 के स्तर पर कारोबार कर रहा है। निफ्टी में भी 200 अंक से ज्यादा की गिरावट है, ये 24,750 के स्तर पर कारोबार कर रहा है।
सेंसेक्स के 30 शेयरों में से 28 में गिरावट और सिर्फ 2 में तेजी है। आज फार्मा, (Metals and Energy) मेटल और एनर्जी शेयर्स में ज्यादा गिरावट है।
विक्रम सोलर का शेयर 2% ऊपर लिस्ट
सौर ऊर्जा क्षेत्र में काम करने वाली कंपनी विक्रम सोलर का शेयर 2% ऊपर लिस्ट हुआ। इसका प्राइस बैंड ₹315-₹332 का था, इसके बदले शेयर 340 रुपए पर लिस्ट हुआ है। इसका IPO 54 गुना सब्सक्रिप्शन मिला था।
- एशियाई बाजारों में जापान का निक्केई 1% नीचे 42,380 पर और कोरिया का कोस्पी 0.83% नीचे 3,183 पर कारोबार कर रहा है।
- हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग इंडेक्स 0.22% चढ़कर 25,773 पर और चीन का शंघाई कंपोजिट 3,888 पर फ्लैट कारोबार कर रहा है।
- 25 अगस्त को अमेरिका का डाउ जोन्स 0.77% गिरकर 45,282 पर बंद हुआ। वहीं, नैस्डेक कंपोजिट में 0.22% और S&P 500 में 0.43% गिरावट रही।
शेयर मार्केट में गिरावट क्यों आती है?
शेयर मार्केट में गिरावट क्यों है? स्टॉक मार्केट में गिरावट अक्सर आर्थिक और भू-राजनीतिक समस्याओं के मिश्रण से होती है. बढ़ती महंगाई, उच्च ब्याज दरें, कमजोर कॉर्पोरेट आय या राजनीतिक अस्थिरता जैसे कारक निवेशकों के मूड को प्रभावित कर सकते हैं.
सन 2000 में सेंसेक्स कितना था?
6000, 11 फ़रवरी 2000 – 11 फ़रवरी 2000 को, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र में आई तेज़ी ने सेंसेक्स को 6,000 के स्तर को पार करने और 6,006 अंकों के सर्वकालिक उच्च स्तर पर पहुँचने में मदद की। यह रिकॉर्ड लगभग चार साल तक, 2 जनवरी 2004 तक, कायम रहा, जब सेंसेक्स 6,026.59 अंकों पर बंद हुआ।
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