देरी पर जुर्माना तय
RBI : भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने बैंकों के लिए एक नया सख्त नियम प्रस्तावित किया है, जिसके अनुसार यदि किसी खाताधारक की मृत्यु (Death)हो जाती है, तो उनके बैंक खाते और लॉकर से जुड़े दावों को 15 दिनों के भीतर निपटाना अनिवार्य होगा। यदि बैंक इस समयसीमा का पालन नहीं करते हैं, तो उन्हें जुर्माना देना पड़ेगा।
मानकीकृत प्रक्रिया लाने की तैयारी
आरबीआई गवर्नर संजय मल्होत्रा ने मौद्रिक नीति की घोषणा करते हुए बताया कि मृतकों के खातों और लॉकर के क्लेम की प्रक्रिया को सुगम और एकसमान बनाने की योजना है। इसके तहत सभी बैंकों को एक समान (स्टैंडर्ड) फॉर्म और प्रक्रिया अपनाने की सिफारिश की गई है।
27 अगस्त तक सुझाव आमंत्रित
इस संबंध में आरबीआई ने “बैंकों के मृत ग्राहकों के संबंध में दावों का निपटान – निर्देश, 2025” नाम से एक मसौदा (ड्राफ्ट सर्कुलर) जारी किया है और 27 अगस्त 2025 तक लोगों और संबंधित पक्षों से टिप्पणियां और सुझाव मांगे हैं।
दस्तावेज और प्रक्रिया
यदि मृतक ग्राहक ने नामिनी (नॉमिनी) को नामित किया है, तो दावा करने वाले को:
- पहचान और पते का प्रमाण,
- मृत्यु प्रमाण पत्र,
- और नामिनी का वैध सरकारी दस्तावेज देना होगा।
जहां कोई नामांकित व्यक्ति नहीं है, वहां बैंकों को एक सरल और स्पष्ट प्रक्रिया अपनानी होगी, ताकि मृतक के उत्तराधिकारियों को परेशानी न हो।
15 लाख की सीमा और जोखिम मूल्यांकन
ऐसे मामलों के लिए बैंकों को अपने जोखिम मूल्यांकन के आधार पर कम से कम 15 लाख रुपये तक की सीमा तय करनी होगी, जिससे बिना नामांकन वाले खातों का भी क्लेम जल्दी निपटाया जा सके।
वर्तमान स्थिति और बदलाव की ज़रूरत
फिलहाल, सभी बैंकों की अपनी-अपनी प्रक्रियाएं हैं, जिससे ग्राहकों और उनके परिवारों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है। नई नीति से यह प्रणाली अधिक पारदर्शी, सरल और समयबद्ध हो जाएगी।
RBI की स्थापना कब और किसने की थी?
बैंक की स्थापना 1926 में भारतीय मुद्रा और वित्त पर गठित रॉयल कमीशन, जिसे हिल्टन यंग कमीशन के नाम से भी जाना जाता है, की सिफारिशों के आधार पर की गई थी। अंततः, केंद्रीय विधान सभा ने इन दिशानिर्देशों को RBI अधिनियम 1934 के रूप में पारित किया।
RBI का मुख्यालय कहाँ है?
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) का मुख्यालय मुंबई, महाराष्ट्र में स्थित है।