Shani Sade Sati 2025: कुंभ राशि पर बरसेगी शनिदेव की कृपा

By Kshama Singh | Updated: May 8, 2025 • 8:15 PM

जानिए कब खत्म होगा साढ़ेसाती का प्रभाव

ग्रहों में शनि देव का विशेष महत्व होता है। वहीं शनिदेव को न्याय और कर्म का देवता माना जाता है। शनिदेव जातकों को उनके द्वारा किए गए कर्मों के हिसाब से शुभ या अशुभ फल देते हैं। जो व्यक्ति मेहनत और ईमानदारी से काम करता है, उस पर शनिदेव की कृपा बरसती है। वहीं जो गलत कार्य करते हैं या कमजोर और गरीबों को परेशान करते हैं, उन पर शनिदेव की टेढ़ी दृष्टि रहती है। शनिदेव मकर और कुंभ राशि के स्वामी हैं और कुंभ राशि पर शनि की साढ़ेसाती चल रही है।

शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है

शनि की साढ़ेसाती तीन चरणों में होती है और साढ़ेसाती में जातक को शारीरिक, मानसिक और आर्थिक रूप से कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। जातक के निजी जीवन और करियर में भी काफी उथल-पुथल रहती है। तो ऐसे में आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको बताने जा रहे हैं कि कुंभ राशि पर साढ़ेसाती कब से चल रही है और कब तक साढ़ेसाती रहेगी।

कुंभ राशि

कुंभ राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव होते हैं। इस समय शनि की साढ़ेसाती कुंभ राशि पर चल रही है। कुंभ राशि पर 24 जनवरी 2023 से साढ़ेसाती लगी है, जोकि 03 जून 2027 को खत्म होगी। वहीं 29 मार्च 2025 को शनि ने गुरु के स्वामित्व वाली मीन राशि में गोचर किया है। जिससे कुंभ राशि पर साढ़ेसाती का दूसरा चरण खत्म हो जाएगा और तीसरा चरण शुरू हो जाएगा।

साढ़ेसाती का दूसरा चरण

शनि की साढ़ेसाती में तीन चरण होते हैं। एक चरण करीब ढाईं साल का होता है। दूसरा चरण खतरनाक और कष्टकारी होता है। इस चरण में व्यक्ति को तमाम तरह की परेशानियों और कष्टों का सामना करना पड़ता है। बार-बार कार्यों में असफलता मिलती है। वहीं 29 मार्च के बाद से कुंभ राशि के जातकों को शनि के दूसरे चरण से राहत मिलेगी। ऐसे में इस राशि के जातकों को भी राहत मिलने की उम्मीद है। कुंभ राशि के स्वामी स्वयं शनिदेव हैं, इसलिए दूसरा चरण खत्म होने पर इन जातकों को अचानक से धन लाभ और कार्यों में सफलताएं मिलेंगी। वहीं नौकरी और प्रमोशन मिलना शुरू होगा।

ऐसे करें शनि देव को प्रसन्न

शनिदेव को अनुशासन और न्यायप्रिय देवता माना जाता है। ऐसे में जो भी जातक अनुशासन, ईमानदारी और मेहनत से काम करते हैं, उनको शनिदेव की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शनि देव को प्रसन्न करने के लिए उड़द दाल, काला तिल और सरसों का तेल अर्पित करना चाहिए। शनिवार के दिन शनि मंदिर में जाकर शनिदेव के दर्शन करना शुभ माना जाता है।

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