Shashi Tharur की कूटनीतिक जीत, कोलम्बिया का यू-टर्न

By Vinay | Updated: May 31, 2025 • 2:15 PM


(31 मई 2025) भारत ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो टॉलरेंस नीति को वैश्विक मंच पर और मजबूती से पेश करते हुए एक बड़ी कूटनीतिक जीत हासिल की है। कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया की राजधानी बोगोटा में पाकिस्तान के आतंकवादी एजेंडे को बेनकाब किया। इस दौरान थरूर ने कोलंबिया सरकार के उस बयान पर कड़ा ऐतराज जताया, जिसमें उसने भारत के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान में हुई मौतों पर संवेदना व्यक्त की थी।

थरूर की नाराजगी और भारत के दृढ़ रुख के बाद कोलंबिया ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को अपने विवादास्पद बयान को आधिकारिक रूप से वापस ले लिया और आतंकवाद के खिलाफ भारत के रुख का समर्थन करने का आश्वासन दिया।


ऑपरेशन सिंदूर और कोलंबिया का बयान


7 मई 2025 को भारत ने जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब देते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) में 9 आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था। इस कार्रवाई में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए थे।

इस हमले के बाद कोलंबिया सरकार ने 8 मई को एक बयान जारी कर पाकिस्तान में हुई “जानमाल की हानि” पर संवेदना व्यक्त की थी, जिसमें पहलगाम हमले में मारे गए 26 भारतीय नागरिकों के प्रति कोई सहानुभूति नहीं दिखाई गई थी। इस बयान ने भारत में नाराजगी पैदा की, क्योंकि यह आतंकवादियों और भारत की आत्मरक्षा में की गई कार्रवाई को एक समान मानने जैसा था।

शशि थरूर की प्रतिक्रिया

कोलंबिया की यात्रा पर गए भारतीय सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे शशि थरूर ने बोगोटा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कोलंबिया के इस रुख पर खुलकर निराशा जताई। उन्होंने कहा, “हम कोलंबिया सरकार की प्रतिक्रिया से निराश हैं। हमें लगता है कि जब वह बयान दिया गया था, तब स्थिति को पूरी तरह से समझा नहीं गया था।

आतंकवादियों और अपने देश की रक्षा करने वालों के बीच कोई समानता नहीं हो सकती।” थरूर ने यह भी जोड़ा कि भारत ने आतंकवाद के खिलाफ आत्मरक्षा में यह कार्रवाई की थी और कोलंबिया को पहलगाम हमले के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए थी।

थरूर ने कोलंबिया की मीडिया से बातचीत में स्पष्ट किया कि भारत शांति चाहता है, लेकिन आतंकवाद के खिलाफ उसकी नीति में कोई ढील नहीं होगी। उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे को भी खारिज किया, जिसमें ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के बीच मध्यस्थता का दावा किया था। थरूर ने कहा, “भारत ने कभी औपचारिक मध्यस्थता स्वीकार नहीं की। अगर कोई देश हमसे बात करता है और हम अपने कदमों की जानकारी देते हैं, तो इसे मध्यस्थता नहीं कहा जा सकता।”

कोलंबिया का यू-टर्न


थरूर के नेतृत्व में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने कोलंबिया की उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा विलाविसेनियो से मुलाकात की। इस मुलाकात में भारत ने ऑपरेशन सिंदूर और पहलगाम हमले के संदर्भ में विस्तृत जानकारी साझा की। थरूर की कूटनीतिक दक्षता और भारत के दृढ़ रुख का असर यह हुआ कि कोलंबिया ने अपने पहले के बयान को वापस लेने का फैसला किया।

उप विदेश मंत्री रोसा योलांडा ने कहा, “हमें भारत से जो स्पष्टीकरण और विस्तृत जानकारी मिली है, उससे हमें वास्तविक स्थिति का बेहतर अंदाजा हुआ है। हम रचनात्मक बातचीत को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

थरूर ने इस मुलाकात के बाद समाचार एजेंसी ANI से कहा, “उप विदेश मंत्री ने बहुत सम्मानपूर्वक स्वीकार किया कि उन्होंने वह बयान वापस ले लिया है, जिस पर हमने चिंता जताई थी। कोलंबिया अब भारत के रुख को पूरी तरह समझता है, जो हमारे लिए बहुत महत्वपूर्ण है।” थरूर ने कोलंबिया की नेशनल असेंबली में भी भारत का पक्ष रखा, जहाँ उन्होंने चैंबर ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स की सेकेंड कमिशन के अध्यक्ष एलेजांद्रो टोरो और चैंबर के अध्यक्ष जाइमे राउल सलामांका से मुलाकात की।

भारत की कूटनीतिक जीत

कोलंबिया का यह यू-टर्न भारत की आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। खास तौर पर, कोलंबिया के जल्द ही संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बनने के संदर्भ में यह और भी महत्वपूर्ण है।

भारतीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल बीजेपी सांसद तेजस्वी सूर्या ने भी थरूर के रुख का समर्थन करते हुए कहा कि भारत ने कोलंबिया को स्पष्ट कर दिया कि आतंकवाद के पीड़ितों के प्रति सहानुभूति दिखानी चाहिए, न कि आतंकवादियों के प्रति।

सोशल मीडिया पर भी इस घटना को भारत की कूटनीतिक जीत के रूप में देखा जा रहा है। कई यूजर्स ने शशि थरूर की तारीफ करते हुए लिखा कि उनकी कूटनीतिक क्षमता ने कोलंबिया को अपना बयान वापस लेने के लिए मजबूर किया। एक यूजर ने लिखा, “शशि थरूर के कड़े बयान के बाद कोलंबिया सरकार ने भारतीय हमलों में पाकिस्तानी आतंकवादियों की मौत की निंदा करने वाला बयान वापस ले लिया। सैल्यूट है शशि थरूर के लिए!”

कांग्रेस में विवाद

हालांकि, इस कूटनीतिक जीत के बावजूद, थरूर को अपनी ही पार्टी के कुछ नेताओं की आलोचना का सामना करना पड़ा। कांग्रेस नेता उदित राज ने थरूर पर निशाना साधते हुए उन्हें “बीजेपी का सुपर प्रवक्ता” करार दिया और कहा कि वह सरकार का प्रचार कर रहे हैं। थरूर ने इस आलोचना का जवाब देते हुए कहा, “मैं पार्टी का प्रवक्ता नहीं हूँ। मैंने एक भारतीय के रूप में देश का पक्ष रखा। मेरी पार्टी ने भी ऑपरेशन सिंदूर और सुरक्षा बलों का समर्थन किया था।”


शशि थरूर की अगुवाई में भारतीय प्रतिनिधिमंडल ने न केवल कोलंबिया में भारत का पक्ष मजबूती से रखा, बल्कि वैश्विक मंच पर आतंकवाद के खिलाफ भारत की जीरो टॉलरेंस नीति को और सशक्त किया। कोलंबिया का बयान वापस लेना इस बात का सबूत है कि भारत की कूटनीति और थरूर का अनुभव वैश्विक स्तर पर प्रभावी साबित हो रहा है।

यह प्रतिनिधिमंडल अब अन्य देशों में भी भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए अपनी यात्रा जारी रखेगा, ताकि पाकिस्तान के आतंकवादी एजेंडे को और बेनकाब किया जा सके

# Paper Hindi News #Ap News in Hindi #Breaking News in Hindi #Google News in Hindi #Hindi News Paper bakthi breakingnews delhi kolambia latestnews Operation Sinddoor pakistan shashitharur trendingnews