जुलाई में रोके दो बाल विवाह
हैदराबाद। पिछले एक पखवाड़े में, राचकोंडा शी टीम्स (She Teams) ने कमिश्नरेट के विभिन्न स्थानों पर महिलाओं को परेशान करने के आरोप में 115 नाबालिगों सहित 198 लोगों को पकड़ा। इस दौरान, उन्होंने आपराधिक और छोटे-मोटे मामले दर्ज किए और पकड़े गए लोगों की काउंसलिंग की गई। अधिकारियों ने बताया कि 1 से 15 जुलाई के बीच राचकोंडा (Rachkonda) में मेट्रो ट्रेनों, स्टेशनों, बस स्टॉप, कार्यस्थलों और कॉलेजों जैसे विभिन्न हॉटस्पॉट से सीधे, व्हाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से विभिन्न स्रोतों से कुल 229 शिकायतें प्राप्त हुईं। पकड़े गए लोगों को एल.बी. नगर स्थित पुलिस आयुक्त के कैंप कार्यालय में प्रशिक्षित परामर्शदाताओं और पेशेवर मनोवैज्ञानिकों द्वारा आयोजित अनिवार्य परामर्श सत्रों में भाग लेना पड़ा।
198 लोगों में से 42 नाबालिग
अधिकारियों के अनुसार, पकड़े गए 198 लोगों में से 42 नाबालिग थे, जिनकी वरिष्ठ मनोवैज्ञानिकों ने काउंसलिंग की। इसके अलावा, मेट्रो ट्रेनों सहित विभिन्न स्थानों पर फर्जी कार्रवाई के दौरान छह लोगों को पकड़ा गया और उन पर जुर्माना लगाया गया। इस बीच, राचकोंडा पुलिस ने स्वयं सहायता समूहों के सहयोग से बाल विवाह के नकारात्मक प्रभावों पर जागरूकता कार्यक्रम चलाए और दो बाल विवाह रोके गए। राचकोंडा पुलिस आयुक्त जी सुधीर बाबू ने शी टीम्स के काम की सराहना की और महिलाओं से आग्रह किया कि वे संकट की स्थिति में राचकोंडा व्हाट्सएप कंट्रोल नंबर – 8712662111 या 100 डायल करके शी टीम्स से संपर्क करें।
शी टीम्स का काम क्या है?
महिला सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गठित “शी टीम्स” पुलिस की एक विशेष इकाई है। इनका मुख्य उद्देश्य छेड़छाड़, पीछा करना, यौन उत्पीड़न जैसी घटनाओं को रोकना है। ये टीमें सामान्य वेश में काम करती हैं और सार्वजनिक स्थानों पर निगरानी रखती हैं ताकि महिलाएं निडर होकर जीवन जी सकें।
शी टीम्स किस राज्य के लिए काम करती है?
तेलंगाना राज्य पुलिस द्वारा 2014 में शुरू की गई “शी टीम्स” पहल सबसे पहले हैदराबाद में लागू हुई थी। इसके सफल परिणामों के बाद इसे पूरे तेलंगाना राज्य में विस्तार दिया गया। अब अन्य राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, ओडिशा, तमिलनाडु आदि ने भी इस मॉडल को अपनाया है।
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