महाराज से जुड़े 12 किलों
Shivaji Maharaj Fort News: छत्रपति शिवाजी महाराज (Shivaji Maharaj) के 12 किलों को यूनेस्को द्वारा वर्ल्ड हेरीटेज लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद महारष्ट्र (Maharashtra) में जश्न है। इन किलाें में 11 महाराष्ट्र और एक तमिलनाडु में है। बीजेपी इस मौके पर सेलिगब्रेट करने के लिए बड़ी तैयारी कर रही है तो वहीं दूसरी तरफ राज ठाकरे ने सरकार ने बड़ी मांग की है।
मुंबई: मराष्ट्र साम्राज्य के प्रणेता छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित 12 किले अब विश्व विरासत के तौर पर सहेजे जाएंगे। यूनेस्को ने विश्व धरोहर सूची में इन किलों को स्थान दिया है। यूनेस्को के फैसले के बाद महाराष्ट्र में जश्न का माहौल है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने इसके लिए पीएम नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया है।
इतना ही नहीं इस बड़ी उपलब्धि को सेलिब्रेट करने के लिए बीजेपी वीकेंड पर शिवाजी महाराज पार्क सहित पूरे मुंबई में शिव आरती कार्यक्रमों के साथ मनाने की योजना बनाई है। सोमवार को विधानसभा में डिप्टी सीएम अजित पवार की अगुवाई में 12 किलों के वर्ल्ड हेरीटेज बनने पर जश्न मनाया गया। इस मौके पर जय भवानी और जय शिवाजी के जयकारे लगे। यूनेस्कों ने जिन किलों को वर्ल्ड हेरीटेज लिस्ट में लिया है। उनमें महाराष्ट्र के रायगढ़, प्रतापगढ़, पन्हाला, शिवनेरी, लोहागढ़, साल्हेर, सिंधुदुर्ग, सुवर्णदुर्ग, विजयदुर्ग और खंडेरी शामिल हैं।
11 किले हैं महाराष्ट्र में
Shivaji Maharaj Fort News: इस सब के बीच राज ठाकरे की अगुवाई वाली महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) ने सरकार ने बड़ी मांग की है। मनसे प्रमुख राज ठाकरे ने सरकार से 11 किलों पर सभी अनधिकृत निर्माणों को तुरंत ध्वस्त करने का आह्वान किया, चाहे अतिक्रमणकारियों का धर्म या जाति कुछ भी हो। राज ठाकरे ने लिखा है कि यूनेस्को ने महाराष्ट्र के आराध्य देव छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित 12 किलों को विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिया है। यह अत्यंत हर्ष का विषय है।
इन 12 किलों में से 11 महाराष्ट्र में हैं और एक किला, जिंजी का किला, तमिलनाडु में है। इस अवसर पर, महाराष्ट्र की उपलब्धियों की चर्चा करने वालों को यह ज्ञात होगा कि महाराज द्वारा स्थापित स्वराज्य की अवधारणा कितनी दूर तक पहुंची थी और यह भी पता चलेगा कि दो भाषाओं और संस्कृतियों के बीच का सेतु कितना पुराना और मजबूत है।
ठाकरे ने दी सरकार को चेतावनी
राज ठाकरे ने लिखा है कि अब आशा की जा सकती है कि महाराष्ट्र के इन 11 किलों का समुचित संरक्षण हो सकेगा। एक बार यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल का दर्जा दिए जाने के बाद, इन संरचनाओं के संरक्षण और जीर्णोद्धार के लिए बहुत कड़े मानदंड हैं, जिनका पालन करना होगा, और हमारे महाराज के किलों को वह ध्यान मिलेगा जिसके वे हकदार हैं।
मैं सरकार को बस यह याद दिलाना चाहता हूं कि सिर्फ़ इसलिए कि यूनेस्को ने इसे विश्व धरोहर का दर्जा दिया है, इसे हल्के में नहीं लिया जा सकता। अगर मानदंडों का ठीक से पालन नहीं किया जाता है, तो दर्जा वापस ले लिया जाता है। अब तक दुनिया में ऐसे दो उदाहरण हैं।
एक उदाहरण ओमान में अरेबियन ओरिक्स अभयारण्य है और दूसरा जर्मनी में ड्रेसडेन घाटी है। ड्रेसडेन घाटी को विश्व धरोहर का दर्जा मिला था, लेकिन मानदंडों का पालन न करने के कारण 2009 में इसे वापस ले लिया गया। सरकार को न केवल इसका जश्न मनाना चाहिए, बल्कि ज़िम्मेदारी भी स्वीकार करनी चाहिए।
छत्रपति शिवाजी महाराज के कितने किले थे?
महाराष्ट्र की शान और खूबसूरती पूरी तरह से महान मराठा शासक छत्रपति शिवाजी महाराज द्वारा निर्मित और विकसित किलों पर आधारित है। महाराष्ट्र में लगभग 350 किले थे।
मराठा के 12 किले कौन से हैं?
इनमें महाराष्ट्र में स्थित सल्हेर, शिवनेरी किला, लोहागढ़, खंडेरी, रायगढ़ किला, राजगढ़ किला, प्रतापगढ़, सुवर्णदुर्ग, पन्हाला किला, विजयदुर्ग किला, सिंधुदुर्ग किला और तमिलनाडु में स्थित जिंजी किला शामिल हैं। विभिन्न भौगोलिक क्षेत्रों में फैले ये किले मराठा शासन की सैन्य शक्ति का प्रदर्शन करते हैं।
अन्य पढ़ें: Mumbai : आज से शुरू हो रही है छत्रपति शिवाजी महाराज सर्किट हेरिटेज ट्रेन