Meeting : शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के उप महानिदेशकों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की

By digital@vaartha.com | Updated: April 30, 2025 • 10:17 PM

 केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उप महानिदेशकों के साथ मैराथन बैठक की आज शुरुआत की

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कृषि अनुसंधान, देश के कृषि क्षेत्र का प्रमुख आधार है। PM Modi के मार्गदर्शन अनुसार इसे और अधिक सशक्त करने तथा कृषि शोध के क्षेत्र में नवाचार करने के साथ ही वर्तमान योजनाओं और कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन किया जाना है। इसी उद्देश्य से केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के उप महानिदेशकों के साथ मैराथन बैठक की आज शुरुआत की। नई दिल्ली के एनएएससी कॉम्प्लेक्स स्थित बोर्ड रूम में यह अहम बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने आईसीएआर के विभिन्न प्रभागों द्वारा किए जा रहे शोध प्रयोगों की जानकारी लेने के साथ ही भावी रणनीतियों के बारे में विस्तार से मार्गदर्शन दिया।

किसानों की खुशहाली पर ध्यान केंद्रित : शिवराज सिंह चौहान

किशन की खुशहाली के लक्ष्य को फोकस रखते हुए केंद्रीय मंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने बैठक की शुरुआत में कहा कि जब अंतिम पंक्ति का किसान समृद्ध बनेगा, तभी सही मायनों में विकसित भारत का संकल्प पूरा होगा। यहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का भी कहना है। शिवराज सिंह ने प्रमुख फसलों की उत्पादकता और उत्पादन बढ़ाने के लिए बेहतर बीज किस्में विकसित करने पर जोर दिया, साथ ही कृषि प्रगति में नवाचारों को बढ़ावा देने और आगामी वर्षों में आशाजनक परिणाम प्राप्त करने को केंद्र में रखते हुए आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भावी कार्ययोजना पर चर्चा की

बैठक में पहले फसल प्रभाग द्वारा केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह के समक्ष प्रस्तुतिकरण दिया गया, जिसमें खाद्यान उत्पादन के लिए अच्छे बीजों के साथ ही समग्र पहलुओं पर विस्तार से भावी कार्ययोजना पर चर्चा हुई। चर्चा के दौरान केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने केंद्र सरकार की बजट घोषणा (2025-26) की प्रमुख चार घोषणाओं, जिसमें दलहन में आत्मनिर्भरता, उच्च उपज वाले बीजों पर राष्ट्रीय मिशन, कपास उत्पादकता के लिए मिशन, फसलों के जर्मप्लाज्म के लिए जीन बैंक में तेजी से प्रगति के साथ कार्य करने को कहा गया।

अच्छी बीज किस्मों के लिए समर्पण से कार्य करें

केंद्रीय मंत्री श्री चौहान ने अच्छी किस्म के बीज विकसित करने की दिशा में पूरी प्राथमिकता और समर्पण से कार्य करने का निर्देश दिया। दलहन में मेढ़ वाली किस्म विकसित करने पर भी जोर दिया। श्री चौहान ने कहा कि दलहन को बढ़ावा देने के लिए क्या साइनटिफिक एपरोच हो सकती है, इस दिशा में काम होना चाहिए। सोयाबीन की खेती को बढ़ावा देने पर विशेष रूप से जोर देते हुए कृषि मंत्री ने इस दिशा में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्रियों और कृषि मंत्रियों के साथ चर्चा की बात कही।

सोयाबीन के पैदावार के प्रति रूचि बढ़ाएं

केंद्रीय मंत्री ने सोयाबीन की खेती को खरीफ फसल की बुआई के दौरान बढ़ावा देने के लिए भरपूर प्रयास करने के लिए कहा और किसानों में सोयाबीन के पैदावार के प्रति रूचि बढ़ाने के लिए व्यापक स्तर पर जन जागरुकता अभियान चलाने की भी बात कही।

मृदा परीक्षण किसानों के खेतों में ही करने का प्रयास होना चाहिए

श्री चौहान ने कहा कि गेहूं और चावल के साथ, दलहन, तिलहन व मोटे अनाजों की उपज पर भी जोर देने की आवश्यकता है। केंद्रीय मंत्री ने कीटनाशकों के सही उपयोग पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कीटनाशकों के संबंध में और अधिक अनुसंधान और व्यवस्थित शोध की जरूरत है। श्री चौहान ने कहा कि मृदा परीक्षण किसानों के अपने खेतों में ही करने के प्रयास होने चाहिए, ऐसा करने से किसानों में रूचिपूर्वक खेती करने की पहल में मदद मिलेगी।

छोटे किसानों के लिए विकसित करें मॉडल फॉर्म

बैठक में फसल विज्ञान प्रभाग के बाद एनआरएम डिवीजन और कृषि विस्तार प्रभाग की प्रस्तुति भी हुई, जिसमें विभिन्न विषयों पर विचार-विमर्श किया गया। इस दौरान, शिवराज सिंह चौहान ने जलवायु परिवर्तन के अनुकूल खेती, छोटे किसानों के लिए मॉडल फार्म विकसित करने, प्राकृतिक खेती के उत्पादों को राज्य सरकारों के साथ मिलकर प्रमाणित करने की व्यवस्था, छोटे किसानों को खेती के साथ ही पशुपालन, मत्स्य पालन, मधुमक्खी पालन से जोड़ने के प्रयास किए जाने चाहिए।

कृषि विज्ञान केंद्रों की महत्वपूर्ण भूमिका

अंत में शिवराज सिंह चौहान ने केवीके की भूमिका पर अलग से बल देते हुए कहा कि किसानों को विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जोड़ने के लिए कृषि विज्ञान केंद्रों से ज्यादा महत्वपूर्ण भूमिका और किसी की नहीं हो सकती। जिन केवीके में कार्य प्रदर्शन में समस्याएं आ रही हैं, उसे जल्द से जल्द दूर करते हुए कार्य प्रदर्शन बेहतर करने का प्रयास हो। श्री शिवराज ने कहा कि आम किसानों तक केवीके अपनी पहुंच बनाए। कृषि अनुसंधान निचले स्तर तक पूरे तालमेल के साथ पहुंचे, यह सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि केवीके मांग आधारित सेवाएं कैसे दे सकता है, उसका भी एक मैकेनिजम बनाया जाए। साथ ही, महिलाओं और युवाओं को कृषि प्रसार के लिए अधिकाधिक जोड़ा जाएं। बैठक में आईसीएआर के महानिदेशक डॉ. एम.एल जाट सहित सभी उप महानिदेशक, सहायक महानिदेशक और अन्य वरिष्ठ अधिकारी शामिल रहे।

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