Shubhanshu Shukla अंततः धरती पर वापस आएं

By Vinay | Updated: July 15, 2025 • 3:54 PM

भारतीय अंतरिक्ष यात्री ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर 18 दिन के ऐतिहासिक मिशन के बाद आज धरती पर लौट आए हैं। ऐक्सिओम-4 मिशन के तहत स्पेसएक्स के ड्रैगन कैप्सूल ‘ग्रेस’ ने कैलिफोर्निया तट पर प्रशांत महासागर में दोपहर 3:01 बजे सुरक्षित स्प्लैशडाउन किया। शुभांशु ने मिशन में सात वैज्ञानिक प्रयोग किए, जो भारत के गगनयान कार्यक्रम के लिए महत्वपूर्ण हैं। उनके पिता शंभू दयाल और मां आशा ने खुशी जताई। यह भारत के लिए गर्व का पल है।

भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shuka) अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर 18 दिन बिताने के बाद 15 जुलाई 2025 को धरती पर वापस लौट रहे हैं। एक्सिओम-4 मिशन के तहत 25 जून 2025 को स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से शुरू हुई उनकी ऐतिहासिक यात्रा ने भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया।

इस मिशन में शुभांशु के साथ कमांडर पेगी व्हिटसन, पोलैंड के स्लावोज उज़्नान्स्की-विस्नीव्स्की और हंगरी के टिबोर कापू शामिल थे। शुभांशु पहले भारतीय हैं, जिन्होंने आईएसएस पर कदम रखा और राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष यात्रा करने वाले दूसरे भारतीय बने।

शुभांशु और उनकी टीम ने 14 जुलाई 2025 को भारतीय समयानुसार शाम 4:35 बजे ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट ‘ग्रेस’ के साथ आईएसएस से अनडॉकिंग शुरू की। लगभग 22.5 घंटे की यात्रा के बाद, उनका कैप्सूल 15 जुलाई को दोपहर 3:01 बजे कैलिफोर्निया तट के निकट प्रशांत महासागर में स्प्लैशडाउन किया

इस प्रक्रिया में कैप्सूल वायुमंडल में प्रवेश के दौरान 28,000 किमी/घंटा की रफ्तार से नीचे आएगा, जिसे पैराशूट के जरिए धीमा किया जाएगा। पहले 5.7 किमी ऊंचाई पर स्थिरीकरण पैराशूट और फिर 2 किमी पर मुख्य पैराशूट तैनात हुए। लैंडिंग के बाद, एक विशेष जहाज क्रू को सुरक्षित निकाले।

मिशन के दौरान शुभांशु ने कई वैज्ञानिक प्रयोग किए, जिनमें ‘स्प्राउट्स’ प्रोजेक्ट के तहत मूंग और मेथी के बीजों का अंकुरण और सूक्ष्म शैवालों पर शोध शामिल था। ये प्रयोग भविष्य में चंद्रमा या मंगल पर जीवन की संभावनाओं को समझने में मदद करेंगे। धरती पर लौटने के बाद, शुभांशु को सात दिन के पुनर्वास कार्यक्रम से गुजरना होगा ताकि वे पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण में सामंजस्य बिठा सकें।

लखनऊ में उनके माता-पिता, शंभू दयाल और आशा शुक्ला, उनकी वापसी के लिए उत्साहित दिखेऔर भगवान शिव से सुरक्षित लौटने की प्रार्थना कर रहे हैं। शुभांशु की बहन शुचि मिश्रा ने भी गर्व व्यक्त किया। उनकी उपलब्धि ने भारत के युवाओं को प्रेरित किया और अंतरिक्ष अन्वेषण में देश की स्थिति को मजबूत किया।

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शुभांशु शुक्ला कौन हैं?

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शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना के एक ग्रुप कैप्टन और टेस्ट पायलट हैं, और भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के एक गगनयात्री (अंतरिक्ष यात्री) भी हैं। जुलाई 2025 तक, वह एक्सिओम मिशन 4 के लिए मिशन पायलट के रूप में सेवारत हैं, जो एक निजी तौर पर आयोजित मिशन है और अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) के लिए है. 

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