भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला 10 जून 2025 को ऐक्सिऑम मिशन-4 (Ax-4) के तहत अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरने को तैयार हैं। यह मिशन भारत के अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए ऐतिहासिक है, क्योंकि शुभांशु 1984 में राकेश शर्मा के बाद ISS पहुंचने वाले पहले भारतीय होंगे।
हालांकि, हाल ही में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और स्पेसएक्स सीईओ एलन मस्क के बीच हुए विवाद ने इस मिशन पर अनिश्चितता पैदा की थी, लेकिन ताजा जानकारी के अनुसार, मिशन निर्धारित समय पर आगे बढ़ रहा है।
मेथी मूंग की खेती समेत सात वैज्ञानिक प्रयोग होंगे
शुभांशु स्पेसएक्स के क्रू ड्रैगन और फाल्कन-9 रॉकेट के जरिए ISS जाएंगे। 14 दिनों के इस मिशन में वह माइक्रोग्रैविटी में मेथी और मूंग की खेती सहित सात वैज्ञानिक प्रयोग करेंगे। ये प्रयोग भारत के गगनयान मिशन (2027) और स्वदेशी अंतरिक्ष स्टेशन के लिए महत्वपूर्ण हैं। इसरो ने इस मिशन के लिए 550 करोड़ रुपये का निवेश किया है, जो भारत, नासा, और ऐक्सिऑम स्पेस के सहयोग को दर्शाता है।
ट्रम्प मस्क विवाद के बिच बढ़ सकता था उड़ान का डेट
ट्रम्प और मस्क के बीच विवाद तब शुरू हुआ, जब मस्क ने ट्रम्प समर्थित एक खर्च बिल को “घृणित” कहा। जवाब में, ट्रम्प ने स्पेसएक्स के 22 बिलियन डॉलर के अनुबंध रद्द करने की धमकी दी। मस्क ने प्रतिक्रिया में क्रू ड्रैगन को “डीकमिशन” करने की बात कही, जो ISS मिशनों के लिए महत्वपूर्ण है। इससे Ax-4 मिशन पर संकट मंडराया, क्योंकि ड्रैगन के बिना मिशन रूस के सोयुज पर निर्भर हो सकता था, जिससे देरी की आशंका थी। सौभाग्यवश, मस्क ने कुछ घंटों बाद फैसला वापस ले लिया, और नासा ने पुष्टि की कि मिशन 10 जून को शाम 5:52 बजे (IST) लॉन्च होगा।

शुभांशु का मिशन भारत के अंतरिक्ष सपनों को नई उड़ान देगा। यह गगनयान और अंतरिक्ष स्टेशन योजनाओं को मजबूती देगा, साथ ही वैश्विक अंतरिक्ष सहयोग में भारत की स्थिति को सुदृढ़ करेगा। ट्रम्प-मस्क विवाद के बावजूद, शुभांशु का मिशन भारत के लिए गर्व का क्षण है, जो आत्मनिर्भर भारत की दिशा में एक और कदम है।