Sigachi Blast : अनाथ हुआ परिवार, अब कभी नहीं लौटेंगे अखिलेश-विजय

By Ankit Jaiswal | Updated: July 14, 2025 • 11:38 PM

भतीजा पवन बोला – मुआवजा नाकाफी, सरकारी नौकरी की मांग

रोजी रोटी के सिलसिले में हर गांव में लोग महानगरों की तरफ रूख करते हैं। परिवार (Family) का जीविकोपार्जन हो सके इसके लिए दो पैसे कमाने लोग शहर जाते हैं। कुछ यही मंशा लेकर उत्तर प्रदेश के जौनपुर (Jaunpur) जिले के सिकरारा थाना क्षेत्र के खपरहा गांव निवासी दो सगे भाई 38 वर्षीय अखिलेश निषाद और 28 वर्षीय विजय निषाद तेलंगाना प्रदेश के संगारेड्डी जिले में पहुंचे। वहां पर एक केमिकल कंपनी सिगाची विस्फोट में काम करने लगे

सिगाची विस्फोट कांड में जौनपुर के दो सगे भाइयों की मौत का मामला

इसी दौरान दोनों भाइयों ने अपने भतीजे पवन निषाद को भी बुला लिया। सबकुछ ठीक चल रहा था इसी दौरान 30 जून को कंपनी में भीषण विस्फोट हुआ। हादसे में 44 लोगों की जान चली गई। इसमें जौनपुर के दोनों सगे भाइयों की मौत हो गई और भतीजे पवन ने भागकर अपनी जान गंवाई। दोनों भाई दो पैसे कमाने के लिए अपना गांव छोड़कर गए थे लेकिन जब भतीजा पवन रविवार को अपने गांव खाली हाथ पहुंचा तो परिवार दहाड़े मारकर रोने लगा। यहां तक की दोनों की बॉडी भी परिवार को नहीं मिली।

नहीं मिला शव, मिली बस राख

विस्फोट कांड की सूचना मिलने के बाद परिजन यहां से संगारेड्डी गए थे लेकिन वहां से बस राख मिला जिसे प्रयागराज के संगम में प्रवाहित कर परिजनों ने 15 दिन बाद सोमवार को दोनों की एक साथ तेरहवीं का कार्यक्रम किया। रविवार को अपने गांव पहुंचे पवन निषाद ने सोमवार की दोपहर बातचीत के दौरान बताया कि वह भी घायल हो गया था लेकिन वहां की भयावह स्थिति से बचने के लिए वहां प्राइवेट अस्पताल में अपना इलाज कराकर वापस अपने गांव अपने परिजनों के साथ लौट आया।

जिला प्रशासन की तरफ से हरसंभव मदद

उसका कहना है कि हल्के घायलों को भी सरकार 5 लाख रुपए का मुआवजा दे रही थी, लेकिन वहां से बचकर निकलकर ही मेरे लिए मुआवजा है। उसने बताया कि संगारेड्डी जिला प्रशासन की तरफ से हरसंभव मदद की जा रही है और तीन महीने में मुआवजा देने की बात कही गई है। सिगाची कंपनी की तरफ से मृतकों को 15-15 लाख रुपए का चेक दिया गया है और कंपनी की तरफ से कहा गया है कि तीन महीने में सभी मृतकों का मृत्यु प्रमाण पत्र जारी किया जाएगा। पवन ने तेलंगाना सरकार से मांग की है कि हमारे चचेरे भाइयों को सरकारी नौकरी दी जाए क्योंकि मुआवजा नाकाफी है।

पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल

मृतक अखिलेश की पत्नी अनीता और तीन बच्चों अजय (18), अमन (17) और अनामिका (12) की हालत बदतर है। वहीं छोटे भाई विजय की पत्नी प्रीति का रो-रोकर बुरा हाल है। पिता बसंत लाल ने कहा कि बुढ़ापे का सहारा छिन गया, अब कौन देगा कंधा? इधर घटना की जानकारी मिलने पर मल्हनी विधायक लकी यादव पीड़ित परिवार से मिलने पहुंचे और सपा प्रमुख अखिलेश यादव से फोन पर बात कर मदद का भरोसा दिलाया। उनके साथ सपा जिलाध्यक्ष राकेश मौर्य, पूर्व विधायक लाल बहादुर यादव समेत कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे।

संगारेड्डी ग्रामीण है या शहरी?

संगारेड्डी एक शहरी क्षेत्र है — यह नगर निगम (Municipal Corporation) से चलता है और हैदराबाद महानगरीय क्षेत्र के अंतर्गत आता है ।

क्या संगारेड्डी रहने के लिए अच्छी जगह है?

हाँ, यह रहने के लिए अच्छा है:

संगारेड्डी के सांसद कौन है?

संगारेड्डी विधानसभा सीट नहीं बल्कि लोकसभा के अंतर्गत “मेदक” सीट का हिस्सा है।
2024 की लोकसभा चुनाव में माधवननी रघुनंदन राव (भाजपा) मेडक के सांसद चुने गए हैं।

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