नई दिल्ली । रेलवे इस साल दीपावली से पहले दिल्ली से भोपाल (Delhi to Bhopal) अहमदाबाद और पटना के रूट पर स्लीपर वंदे भारत (Sleeper Vande Bharat) शुरू करने की तैयारी कर रहा है। पटना के लिए चलने वाली ट्रेन की तो टाइमिंग की जारी हो गई है। रेलवे सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि प्रयागराज (Pryagraj) और वाराणसी होते हुए पटना के लिए जो वंदे भारत चलेगी, वह साढ़े 11 घंटे में पहुंचाएगी। आमतौर पर इस रूट पर 12 से 17 घंटे लगते हैं। इस तरह यहां का सफर जल्द और सुविधाजनक भी होगा।
तेज रफ्तार में सफर
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेन की गति 180 किलोमीटर प्रति घंटा रखी गई है। इसके चलते कई रूटों पर यह ट्रेन अन्य गाड़ियों के मुकाबले आधा समय लेगी। दिल्ली से अहमदाबाद, भोपाल और पटना जैसे रूट काफी लंबे हैं और एक रात से ज्यादा का समय लगता है। ऐसे में इस समय को सीमित करने और सुविधाजनक यात्रा की बढ़ती मांग को देखते हुए रेलवे ने वंदे भारत स्लीपर की शुरुआत करने का फैसला लिया है। पहले खबरें आई थी कि इस साल के आखिर तक कई रूटों पर स्लीपर वंदे भारत का संचालन शुरू हो सकता है।
पटना-दिल्ली रूट का टाइमिंग
वंदे भारत फिलहाल देश की सबसे तेज गति से चलने वाली ट्रेन है। राजधानी एक्सप्रेस और शताब्दी की तुलना में यह ट्रेन पहले गंतव्य तक पहुंचती है। जानकारी के मुताबिक प्रस्तावित स्लीपर वंदे भारत पटना से रात को 8 बजे रवाना होगी और सुबह 7:30 बजे दिल्ली पहुंचेगी। इसी तरह दिल्ली से पटना के लिए भी टाइमिंग यही रहेगी। अधिकारी ने कहा कि हमारी कोशिश है कि बिजी रूटों पर इस ट्रेन को चलाया जाए। सितंबर के अंत में ही इन ट्रेनों का ऐलान हो सकता है और अक्टूबर की शुरुआत में कभी भी संचालन शुरू हो सकता है।
रात भर का सुविधाजनक सफर
अब तक जो वंदे भारत चल रही हैं, वे चेयर कार वाली हैं। बैठे-बैठे सफर के चलते इन्हें दिन के वक्त में ही चलाया जा रहा है, लेकिन अब रात भर के सफर के लिए स्लीपर वंदे भारत चलाई जाएंगी। इससे लोगों का समय बचेगा और वे रात भर में सुविधाजनक सफर करते हुए दिल्ली से 1000 किलोमीटर या उससे भी दूर का सफर तय कर सकेंगे। दिल्ली से अहमदाबाद का रूट भी काफी बिजी है और इस रूट पर प्रीमियम ट्रेनों की डिमांड भी है।
वंदे भारत एक्सप्रेस का मालिक कौन है?
वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन का असली मालिकाना हक़ भारतीय रेलवे वित्त निगम (IRFC) के पास है, जो कि भारत सरकार के स्वामित्व वाली एक सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है. आईआरएफसी सभी इंजनों और डिब्बों का मालिक है, और उन्हें 30 साल के लिए भारतीय रेलवे को लीज पर देता है.
भारत में कुल कितनी वंदे भारत ट्रेनें हैं?
इन नौ मार्गों को शामिल करने के साथ, अब देश में कुल 68 वंदे भारत ट्रेन सेवाएं चालू हो गई हैं । वित्तीय वर्ष 2023-24 (जून 2023 तक) के दौरान, वंदे भारत ट्रेनों का समग्र उपयोग 99.60% रहा है ।
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