Smart Phone and LapTop:क्या ट्रंप की टैरिफ छूट से चीन पर बढत बना पाएगा भारत?

By digital@vaartha.com | Updated: April 14, 2025 • 7:34 PM

डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन ने स्मार्टफोन और लैपटॉप जैसे इलेक्ट्रॉनिक उत्पादों को आपसी टैरिफ से बाहर रखने का फैसला किया है। इसका मकसद लोकप्रिय कंज्यूमर इलेक्ट्रॉनिक्स की कीमतें कम रखना है।ये आमतौर पर अमेरिका में नहीं बनते। इससे भारत को चीन पर बढ़त मिलने की उम्मीद है। भारत और अमेरिका का लक्ष्य है कि वे 2025 की शरद ऋतु (autumn) तक अपने व्यापार समझौते का पहला चरण पूरा कर लें। ताकि द्विपक्षीय व्यापार को दोगुना करके 2030 तक 191 अरब डॉलर से बढ़ाकर 500 अरब डॉलर तक पहुंचाया जा सके।

ट्रंप का ‘पॉज़’: स्मार्टफोन, लैपटॉप पर राहत

यूएस कस्टम्स एंड बॉर्डर प्रोटेक्शन के अनुसार, ये छूट इन उत्पादों को 125% भारी टैरिफ और अन्य देशों से आयात पर लगने वाले 10% बेसलाइन शुल्क से बचाएगी। छूट वाली सूची में स्मार्टफोन, लैपटॉप, हार्ड ड्राइव, कंप्यूटर प्रोसेसर, और मेमोरी चिप्स जैसे लोकप्रिय उपभोक्ता उत्पाद शामिल हैं। ये आमतौर पर अमेरिका में नहीं बनते। साथ ही, सेमीकंडक्टर बनाने वाली मशीनों को भी छूट दी गई है।

भारत को कैसे मिला चीन पर बढ़त

विशेषज्ञों के मुताबिक, भारत और वियतनाम जैसे देश ट्रंप के इस ताजा फैसले का सबसे ज्यादा फायदा उठा सकते हैं। चीन से आयातित iPhone, लैपटॉप, टैबलेट और स्मार्टवॉच पर 20% टैक्स लगा रहता है।, भारत को जीरो टैरिफ का लाभ मिल रहा है। इसी तरह, वियतनाम से आने वाले सैमसंग स्मार्टफोन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक्स भी बिना टैक्स के अमेरिकी बाजार में पहुंच रहे हैं।

पहले ट्रंप ने भारत पर 26% और चीन पर 34% ‘reciprocal tariff’ लगाया था। लेकिन अब भारत पर टैरिफ शून्य कर दिया गया है। ट्रंप ने चीन को छोड़कर सभी देशों के लिए 90 दिन का टैरिफ पॉज़ (अस्थायी रोक) घोषित कर दिया है। फिलहाल, चीन से होने वाले आयात पर कुल 145% टैक्स लग रहा है।

125% ‘reciprocal tariff’ के साथ दो बार 10% की बढ़ोतरी

ट्रंप के दूसरे कार्यकाल की शुरुआत से पहले, चीन पर कुल 156% तक का टैरिफ लगाया गया था।

वहीं भारत पर अब कोई टैरिफ नहीं है, जिससे भारत को चीन के मुकाबले अमेरिकी बाजार में 20% कीमत की बढ़त मिल रही है। MoneyControl ने भारतीय सेल्युलर एंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (ICEA) के विश्लेषण के हवाले से यह जानकारी दी। ICEA में Apple, Foxconn, Xiaomi, Dixon, और Lava जैसी कंपनियां शामिल हैं।

हालांकि, ईयरफोन, हेडफोन और एयरपॉड्स जैसे ऑडियो प्रोडक्ट्स को इस छूट में शामिल नहीं किया गया है। यदि इन्हें चीन से निर्यात किया जाए, तो उन पर अभी भी 125% से ज्यादा टैरिफ लगेगा।

ग्राहकों के लिए राहत या CEOs को तोहफा?

इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों को दी गई यह छूट ग्राहकों की चिंताओं को कम करती है। उन्हे डर था कि चीन पर लगे भारी टैरिफ से स्मार्टफोन और अन्य जरूरी डिवाइसेस की कीमतें काफी बढ़ जाएंगी। हालांकि, इसे एक तरह से Apple के सीईओ टिम कुक, Tesla के एलन मस्क, Google के सुंदर पिचाई, Facebook के मार्क जुकरबर्ग और Amazon के जेफ बेजोस जैसे दिग्गजों को दिया गया ‘दोस्ताना तोहफा’ भी माना जा रहा है। ये सभी ट्रंप के 20 जनवरी को हुए उद्घाटन समारोह में उनके साथ मंच पर मौजूद थे।

# Paper Hindi News #Google News in Hindi breakingnews china edge india Smartphones and Laptops tariff trendingnews trump