Sofia Quraishi ऑपरेशन सिंदूर की हीरो, जानिए पूरी कहानी
भारतीय सेना में Sofia Quraishi का नाम आज हर जुबां पर है। ऑपरेशन सिंदूर (Operation Sindoor) की सफलता के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी ने मीडिया को पूरी जानकारी दी और यह साबित कर दिया कि सेना में महिलाएं भी बराबरी से योगदान दे रही हैं। आइए जानते हैं उनके सफर और बहादुरी की कहानी।
कौन हैं कर्नल Sofia Quraishi?
कर्नल सोफिया कुरैशी भारतीय सेना की महिला अधिकारी हैं, जिनका नाम पहले भी कई अहम अभियानों से जुड़ा रहा है।
वह आर्मी सिग्नल कोर से ताल्लुक रखती हैं और तकनीकी व कम्युनिकेशन ऑपरेशन्स में एक्सपर्ट मानी जाती हैं।
ऑपरेशन सिंदूर में उनकी भूमिका बेहद अहम रही, क्योंकि उन्होंने मिशन की निगरानी और कमांड का जिम्मा संभाला।

Operation Sindoor में सोफिया कुरैशी की भूमिका
ऑपरेशन की रणनीति तैयार करना
आतंकवादियों की मूवमेंट पर नजर रखना
फील्ड से लगातार रिपोर्ट्स जुटाना
सटीक समय पर टुकड़ियों को कमांड देना
सोफिया कुरैशी ने मीडिया ब्रीफिंग में कहा, “हमारी टीम ने 72 घंटों तक लगातार मेहनत की और आखिरकार 100 से ज्यादा आतंकियों को खत्म किया।”
Sofia Quraishi का सफर
- शिक्षा: डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC)
- सेवा काल: 17 साल
- विशेषज्ञता: साइबर सिक्योरिटी, सिग्नल इंटेलिजेंस
- अवॉर्ड्स: सेना मेडल, विशिष्ट सेवा मेडल
सोफिया कुरैशी ने हमेशा से साबित किया है कि भारतीय सेना में महिलाएं सिर्फ मेडिकल या लॉजिस्टिक्स तक सीमित नहीं, बल्कि ऑपरेशन कमांड में भी आगे बढ़ रही हैं।
Sofia Quraishi के खास बयान
“हर मिशन हमारे देश की सुरक्षा के लिए होता है, हम हमेशा तैयार हैं।”,“ऑपरेशन सिंदूर में महिला अधिकारियों ने आगे बढ़कर नेतृत्व किया।”,“हमारी सेना की ताकत हमारी टीमवर्क में है।”

मुख्य Highlights
- Operation Sindoor की रणनीतिक कमांड सोफिया कुरैशी ने संभाली
- भारतीय सेना में महिलाओं का बढ़ता योगदान
- देश के लिए 17 साल की निस्वार्थ सेवा
- साइबर और कम्युनिकेशन में एक्सपर्ट
सोफिया कुरैशी सिर्फ भारतीय सेना की ही नहीं, पूरे देश की प्रेरणा बन चुकी हैं।
ऑपरेशन सिंदूर की सफलता में उनका रोल यह दिखाता है कि जब इरादे मजबूत हों, तो महिलाएं किसी भी चुनौती को पार कर सकती हैं।