जो कृष्ण नगरी अरब सागर में डूबी, वहां पहुंच गए कुछ ‘लोग’

By digital@vaartha.com | Updated: April 10, 2025 • 10:26 AM

कैमरे में दिखा भव्य महल, AI ने दिखाया कमाल

भगवान श्रीकृष्ण द्वारा बसाई गई द्वारका नगरी, जो महाभारत के बाद समुद्र में समा गई थी, अब गुजरात के तट पर पुरातत्वविदों द्वारा खोजी गई संरचनाओं से सच्चाई से जुड़ती है.

इतिहास और पौराणिक महत्व

द्वारका, जिसे भगवान श्रीकृष्ण की नगरी कहा जाता है, हिन्दू धर्म में एक अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण स्थल है। मान्यता है कि महाभारत काल में श्रीकृष्ण ने द्वारका नगरी बसाई थी और युद्ध के बाद यहीं निवास किया था।

समुद्र में समाई नगरी

पुराणों में वर्णन मिलता है कि श्रीकृष्ण के देह त्यागने के बाद द्वारका नगरी समुद्र में समा गई। यह घटना न केवल धार्मिक ग्रंथों में दर्ज है, बल्कि आधुनिक वैज्ञानिक और पुरातात्विक खोजों ने भी इस रहस्य को उजागर करने की कोशिश की है।

लेकिन महाभारत के युद्ध के बाद, जब श्रीकृष्ण ने अपना मानव शरीर त्यागा, तो यह नगरी समुद्र में समा गई. इस रहस्य को सदियों तक कथा ही माना गया, लेकिन आधुनिक समय में समुद्र वैज्ञानिकों और पुरातत्वविदों ने गुजरात के तट पर पानी के नीचे प्राचीन संरचनाएं खोजी हैं, जो इस कथा को सच्चाई से जोड़ती हैं.

AI से बनाई गई वीडियो में कृष्ण नगरी को दिखाया गया है, ऐसा लग रहा है कि यह समुद्र की गहराइयों में आज भी सांस ले रही है. गोल्डन रंग के खंभे, जिन पर मोर के पंखों की नक्काशी है, विशाल मंदिर जिनमें शंख, चक्र और कमल को डिजाइन किया गया है और समुद्र की गहराई में स्थित एक विशाल श्रीकृष्ण की मूर्ति. यह सब कुछ दर्शाता है कि यह कोई साधारण नगरी नहीं थी, यह एक दिव्यता का प्रतीक थी. यह कहानी मात्र एक धार्मिक आस्था नहीं, बल्कि हमारी सांस्कृतिक विरासत और जिज्ञासा की मिसाल है.  AI कला के माध्यम से हम आज उस खोई हुई नगरी की कल्पना कर पा रहे हैं, जो कभी जीवन से भरपूर थी.

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