11 अप्रैल को, ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ के संपत्ति रजिस्ट्रारों को नोटिस जारी किए हैं। जहां एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (AJL) की संपत्तियां हैं। AJL को यंग इंडियन कंपनी ने खरीदा था, जो सोनिया गांधी और राहुल गांधी के स्वामित्व में है।

यह मामला वित्तीय गड़बड़ियों और फंड के दुरुपयोग से जुड़ा है। आरोप है कि यंग इंडियन लिमिटेड ने गलत तरीके से AJL के ज़रिए 2000 करोड़ रुपये से ज़्यादा की संपत्तियों पर कब्जा कर लिया। बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने 2014 में यह शिकायत दर्ज कराई थी।
988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग
ED का कहना है कि जांच में लगभग 988 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग का पता चला है।, यहAJL की संपत्तियों से जुड़ी हुई है। जांच के बाद, अडजुडिकेटिंग अथॉरिटी ने संपत्तियों की पहले से की गई अस्थायी कुर्की को 10 अप्रैल को मंजूरी दे दी।
नवंबर 2023 में, ED ने दिल्ली, मुंबई और लखनऊ में स्थित 661 करोड़ रुपये की अचल संपत्तियों और 90.2 करोड़ रुपये के AJL शेयरों को अस्थायी रूप से अटैच किया था। यह अटैचमेंट अब पुष्टि हो चुकी है।
इसके अलावा, मुंबई में हेराल्ड हाउस की तीन मंजिलों के मौजूदा किरायेदार, जिंदल साउथ वेस्ट प्रोजेक्ट्स को नोटिस जारी किया गया है। कंपनी को निर्देश दिया गया है कि आगे से किराए का भुगतान सीधे ED को करें।
वित्तीय साजिश के ज़रिए अवैध तरीके से संपत्तियां हड़पीं
एजेंसी का आरोप है कि कांग्रेस नेतृत्व ने एक जटिल राजनीतिक और वित्तीय साजिश के ज़रिए अवैध तरीके से संपत्तियां हड़पीं और काले धन को सफेद किया।
यह जांच 2021 में शुरू हुई थी। जांच के दौरान, ED ने कई स्थानों पर छापेमारी कर दस्तावेज बरामद किए, जिनसे और भी वित्तीय गड़बड़ियों के सुराग मिले हैं।
ED के अनुसार, AJL और यंग इंडियन नेटवर्क के ज़रिए 18 करोड़ रुपये की फर्जी डोनेशन, 38 करोड़ रुपये की एडवांस रेंट और 29 करोड़ रुपये के विज्ञापनों के ज़रिए अवैध कमाई की गई थी।
अधिकारियों के मुताबिक, ED की यह ताजा कार्रवाई उसी जांच का हिस्सा है।