Space Travel अंतरिक्ष यात्रा के जोखिम और शरीर पर असर क्यों होता है Space Travel इंसान के लिए चुनौतीपूर्ण?
Space Travel यानी अंतरिक्ष की यात्रा, सुनने में रोमांचक ज़रूर लगती है, लेकिन इसके पीछे कई वैज्ञानिक जोखिम और शारीरिक चुनौतियां छिपी होती हैं।
शून्य गुरुत्वाकर्षण (Zero Gravity) और अंतरिक्ष विकिरण (Space Radiation) जैसे कारकों का शरीर पर गहरा असर होता है।
अंतरिक्ष में शरीर पर पड़ने वाले प्रमुख प्रभाव
1. हड्डियों का कमजोर होना (Bone Loss)
- शून्य गुरुत्व में हड्डियों पर दबाव नहीं पड़ता
- हर महीने 1–1.5% बोन डेंसिटी कम हो जाती है
- लंबे मिशन के बाद ऑस्टियोपोरोसिस का खतरा
2. मांसपेशियों में कमजोरी (Muscle Atrophy)
- मांसपेशियों का उपयोग कम होता है
- पैरों और पीठ की मांसपेशियां खासकर कमजोर पड़ती हैं
- व्यायाम की जरूरत बढ़ जाती है

3. दिमाग और संतुलन पर असर
- फ्लूड शिफ्ट के कारण दिमाग पर दबाव
- दृष्टि में धुंधलापन और सिरदर्द की शिकायत
- अंतरिक्ष से लौटने पर संतुलन बिगड़ सकता है
4. अंतरिक्ष विकिरण का खतरा (Radiation Exposure)
- पृथ्वी की मैग्नेटिक फील्ड से बाहर निकलने पर विकिरण का स्तर बढ़ता है
- डीएनए डैमेज और कैंसर का खतरा
- गहरे अंतरिक्ष मिशन (जैसे मंगल) में यह प्रमुख चुनौती
5. मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
- बंद वातावरण, नींद की कमी और पृथ्वी से दूरी
- डिप्रेशन, एंग्ज़ायटी और इमोशनल उतार-चढ़ाव की आशंका
- NASA खास साइकोलॉजिकल ट्रेनिंग देती है

इन जोखिमों से कैसे निपटा जाता है?
- 2–3 घंटे रोज़ व्यायाम करना अनिवार्य
- खास डाइट जिसमें विटामिन D और कैल्शियम ज्यादा हो
- रेडिएशन शील्डेड स्पेससूट और मॉड्यूल्स
- नियमित मानसिक स्वास्थ्य मूल्यांकन और टीम सपोर्ट
Space Travel मानवता की एक बड़ी उपलब्धि है, लेकिन इससे जुड़े शारीरिक और मानसिक जोखिम भी गंभीर हैं।
वैज्ञानिकों का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में अंतरिक्ष यात्राएं सुरक्षित और लंबी अवधि के लिए अनुकूल बन सकें।
जब तक अंतरिक्ष में रहने के प्रभावों को पूरी तरह समझ नहीं लिया जाता, तब तक हर मिशन इंसान के साहस और विज्ञान के तालमेल का एक उदाहरण है।