स्पोर्ट्स डेस्क: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने टीम इंडिया के लिए नए लीड स्पॉन्सर (Lead Sponsor) की तलाश शुरू कर दी है। इसके लिए, बीसीसीआई ने मंगलवार को टेंडर जारी किया है। यह कदम तब उठाया गया, जब हाल ही में ड्रीम-11 ने भारतीय क्रिकेट टीम(Indian Cricket Team) के लीड स्पॉन्सरशिप से हटने का फैसला किया। बीसीसीआई(BCCI) के सचिव देवजीत सैकिया ने 25 अगस्त को इसकी पुष्टि की थी। ड्रीम-11 ने 2023 में 358 करोड़ रुपए में तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था, लेकिन रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म्स पर प्रतिबंध के कारण यह कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया।
प्रतिबंधित ब्रांड श्रेणियां
बीसीसीआई(BCCI) ने अपने टेंडर में उन ब्रांड्स की सूची जारी की है, जो इस बोली में हिस्सा नहीं ले सकते। इस सूची में अल्कोहल, तंबाकू, सट्टेबाजी, क्रिप्टोकरंसी, और रियल मनी गेमिंग (फैंटेसी स्पोर्ट्स गेमिंग को छोड़कर) शामिल हैं। इसके अलावा, ऐसे ब्रांड्स जो सार्वजनिक नैतिकता को ठेस पहुंचाते हैं, उन्हें भी बोली में शामिल नहीं किया जाएगा। बीसीसीआई ने यह सुनिश्चित किया है कि टीम इंडिया के लीड स्पॉन्सर के लिए केवल नैतिक और सही ब्रांड्स ही प्रतिस्पर्धा करें।
टेंडर की प्रक्रिया और पिछला स्पॉन्सर
नए लीड स्पॉन्सर के लिए टेंडर भरने की आखिरी तारीख 12 सितंबर है। यह टेंडर बीसीसीआई(BCCI) ने अपनी आधिकारिक वेबसाइट और ट्विटर पर जारी किया है। ड्रीम-11 से पहले, मार्च 2023 तक BYJU’S टीम इंडिया का लीड स्पॉन्सर था। BYJU’S का कॉन्ट्रैक्ट खत्म होने के बाद, टीम इंडिया वर्ल्ड टेस्ट चैम्पियनशिप (WTC) के फाइनल में बिना किसी स्पॉन्सर वाली जर्सी के साथ मैदान पर उतरी थी।
बीसीसीआई ने टीम इंडिया के लीड स्पॉन्सरशिप के लिए टेंडर क्यों जारी किया?
बोर्ड ने यह टेंडर इसलिए जारी किया क्योंकि मौजूदा स्पॉन्सर ड्रीम-11 का कॉन्ट्रैक्ट खत्म हो गया था। ड्रीम-11 ने 2023 में 358 करोड़ रुपये में तीन साल का कॉन्ट्रैक्ट साइन किया था, लेकिन रियल-मनी गेमिंग प्लेटफॉर्म पर लगे प्रतिबंध के कारण इसे समाप्त कर दिया गया।
बोर्ड ने लीड स्पॉन्सरशिप के लिए टेंडर में किन ब्रांड्स को बोली लगाने से प्रतिबंधित किया है?
बीसीसीआई ने अल्कोहल, तंबाकू, सट्टेबाजी, रियल मनी गेमिंग (फैंटेसी स्पोर्ट्स गेमिंग को छोड़कर), क्रिप्टोकरंसी और पोर्नोग्राफी जैसे ब्रांड्स को बोली लगाने से प्रतिबंधित किया है। इसके अलावा, ऐसे ब्रांड्स जो सार्वजनिक नैतिकता को ठेस पहुंचाते हैं, उन्हें भी शामिल नहीं किया गया है।
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