Divya Deshmukh : चेस वर्ल्ड कप विजेता दिव्या का नागपुर में भव्य स्वागत

By Surekha Bhosle | Updated: July 31, 2025 • 1:09 PM

जॉर्जिया के बटुमी में खत्म हुई चेस वर्ल्ड कप (Chess World Cup) में जीतने वाली 19 साल की दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) का नागपुर पहुंचने पर स्वागत किया गया। जब वह गृहनगर नागपुर लौटीं, तो हवाई अड्डे पर उनके रिश्तेदारों और प्रशंसकों ने उनका भव्य स्वागत किया

दिव्या ने इस टूर्नामेंट में भारत की अनुभवी खिलाड़ी कोनेरू हम्पी को टाई-ब्रेकर में हराकर यह खिताब अपने नाम किया। दोनों खिलाड़ियों के बीच दो क्लासिकल गेम ड्रॉ रहे थे, जिसके बाद टाई-ब्रेकर में दिव्या ने जीत हासिल की।

इस जीत ने दिव्या Divya Deshmukh को ग्रैंडमास्टर (जीएम) का खिताब दिलाया

इस जीत ने दिव्या को ग्रैंडमास्टर (जीएम) का खिताब दिलाया, साथ ही उन्हें कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह और 50,000 अमेरिकी डॉलर (लगभग 42 लाख रुपये) की पुरस्कार राशि भी मिली। दिव्या ने टूर्नामेंट में अंडरडॉग के रूप में हिस्सा लिया था और उनका लक्ष्य केवल जीएम-नॉर्म हासिल करना था, लेकिन उन्होंने सभी को चौंकाते हुए खिताब अपने नाम कर लिया।

दिव्या Divya Deshmukh अपनी मां के साथ नागपुर एयरपोर्ट पर पहुंची दिव्या अपनी मां के साथ बटुमी से मुंबई होते हुए नागपुर पहुंचीं। हवाई अड्डे पर उनके प्रशंसक और रिश्तेदार पहले से ही उनके स्वागत के लिए मौजूद थे।
दिव्या ने स्वागत पर खुशी जताते हुए कहा कि मुझे बहुत खुशी हो रही है कि इतने सारे लोग मेरा स्वागत करने आए हैं। शतरंज को इतना सम्मान मिल रहा है, यह मेरे लिए गर्व की बात है।

परिवार और कोच को दिया जीत का श्रेय दिव्या ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय

परिवार और कोच को दिया जीत का श्रेय दिव्या ने अपनी इस उपलब्धि का श्रेय अपने परिवार और अपने पहले कोच राहुल जोशी को दिया, जिनका 2020 में 40 साल की उम्र में निधन हो गया था। उन्होंने कहा कि मेरे माता-पिता ने मेरे करियर में सबसे बड़ा योगदान दिया है।

उनके बिना मैं यहां तक नहीं पहुंच पाती। मेरी बहन आर्या देशमुख, मेरे दादा-दादी, और मेरे पहले कोच राहुल जोशी सर का भी बहुत बड़ा हाथ है। राहुल सर हमेशा चाहते थे कि मैं ग्रैंडमास्टर बनूं, और यह जीत उनके लिए है। दिव्या ने ग्रैंडमास्टर अभिजीत कुंटे को भी अपनी सफलता का भागीदार बताया। उन्होंने कहा कि अभिजीत सर मेरे लिए लकी चार्म हैं। जब भी वे मेरे साथ होते हैं, मैं ट्रॉफी जीतती हूं।

2 से 16 सितंबर तक उज्बेकिस्तान में होने वाले ग्रैंड स्विस में हिस्सा लेंगी विश्व कप की जीत के बाद दिव्या अब कुछ समय आराम करना चाहती हैं। इसके बाद वे उज्बेकिस्तान के समरकंद में 2 से 16 सितंबर तक होने वाले ग्रैंड स्विस टूर्नामेंट में हिस्सा लेंगी।

उन्होंने कहा कि इस महीने मैं थोड़ा आराम करूंगी और अगले महीने ग्रैंड स्विस में खेलूंगी।”दिव्या की इस उपलब्धि ने न केवल नागपुर बल्कि पूरे देश को गर्व से भर दिया है। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें शतरंज की दुनिया में एक नया सितारा बना दिया है।

चेस में कितने प्लेयर होते हैं?

4 खिलाड़ी शतरंज क्या है? 4 खिलाड़ी शतरंज शतरंज के विभिन्न प्रकारों का एक परिवार है जिसे एक ही समय में और एक ही बोर्ड पर चार लोगों द्वारा खेला जाता है। प्रत्येक खिलाड़ी के पास अपने मोहरों के सेट का एक अलग रंग होता है, अर्थात् लाल, नीला, पीला और हरा।

भारत का नंबर 1 शतरंज खिलाड़ी कौन है?

1. रमेशबाबू प्रज्ञानंदधा अब शास्त्रीय शतरंज में भारत के नंबर 1 खिलाड़ी हैं, जिन्होंने पिछले सप्ताह उजचेस कप 2025 में वर्ष का अपना तीसरा खिताब जीता।

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