Chess World Cup : दिव्या देशमुख फाइनल में पहुँचीं

By Surekha Bhosle | Updated: July 24, 2025 • 12:42 PM

ऐतिहासिक प्रदर्शन से रचा नया इतिहास

भारतीय शतरंज खिलाड़ी दिव्या देशमुख (Divya Deshmukh) ने (FIDE) महिला विश्व कप 2025 में ज़बरदस्त खेल का प्रदर्शन करते हुए फाइनल में प्रवेश कर लिया है। यह उनकी अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धियों में से एक मानी जा रही है

कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में भी किया क्वालिफाई

अगले स्तर की चुनौती के लिए तैयार

दिव्या Divya Deshmukh ने केवल विश्व कप फाइनल में जगह नहीं बनाई, बल्कि इसके साथ ही उन्होंने FIDE Women’s Candidates Tournament के लिए भी क्वालिफाई कर लिया है, जहाँ दुनिया की शीर्ष महिला खिलाड़ी विश्व चैंपियनशिप की दावेदारी करेंगी।

अंतरराष्ट्रीय मास्टर 19 साल की दिव्या देशमुख नेफिडे महिला विश्व शतरंज कप के सेमीफाइनल के दूसरे गेम में पूर्व विश्व चैंपियन चीन की झोंगयी टैन को हरा दिया और मिनी मैच 1.5-0.5 से जीतकर फाइनल में प्रवेश किया। इस प्रक्रिया में दिव्या कैंडिडेट्स टूर्नामेंट में जगह बनाने वाली पहली भारतीय बन गईं।

महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट

महिला कैंडिडेट्स शतरंज टूर्नामेंट अगले साल होना है और उस टूर्नामेंट से मौजूदा महिला विश्व चैंपियन वेनजुन जू के प्रतिद्वंदी का फैसला होगा। दिलचस्प बात यह है कि दिव्या पहली बार विश्व कप में हिस्सा ले रही हैं। 
चीन की दूसरी वरीयता प्राप्त जोनर झू और तत्कालीन हमवतन ग्रैंडमास्टर डी हरिका को क्वार्टर फाइनल में हराने के बाद दिव्या ने इस प्रतियोगिता में अपना दबदबा बरकरार रखा और टैन के खिलाफ 101 चाल में जीत उनके बढ़ते शतरंज कौशल का प्रमाण था।

दूसरे सेमीफाइनल में कोनेरू हम्पी ने 75 चाल में चीन की शीर्ष वरीयता प्राप्त टिंगजी लेई के साथ ड्रॉ खेला। हम्पी अब छोटे प्रारूप में लेई के खिलाफ टाई-ब्रेकर खेलेंगी।

नौ दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या

नौ दिसंबर 2005 को नागपुर में जन्मीं दिव्या ने पांच साल की उम्र से शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। उनके माता-पिता डॉक्टर हैं। उनके पिता का नाम जितेंद्र और माता का नाम नम्रता है। दिव्या ने 2012 में सात साल की उम्र में अंडर-7 नेशनल चैंपियनशिप जीती।

इसके बाद उन्होंने अंडर-10 (डरबन, 2014) और अंडर-12 (ब्राजील, 2017) कैटेगरी में विश्व युवा खिताब भी जीते। इसके बाद 2014 में डरबन में आयोजित अंडर-10 वर्ल्ड यूथ टाइटल और 2017 में ब्राजील में अंडर-12 कैटेगरी में भी खिताब अपने नाम किए।

उनकी निरंतर प्रगति ने उन्हें 2021 में महिला ग्रैंडमास्टर बना दिया और इसके साथ ही वह विदर्भ की पहली और देश की 22वीं महिला खिलाड़ी बनीं जिन्होंने यह उपलब्धि हासिल की।

2023 में दिव्या Divya Deshmukh ने हासिल किया इंटरनेशनल मास्टर का खिताब

दिव्या ने 2023 में इंटरनेशनल मास्टर का खिताब भी प्राप्त कर लिया। 2024 में उन्होंने विश्व जूनियर गर्ल्स अंडर-20 चैंपियनशिप में भी परचम लहराया, जहां उन्होंने 11 में से 10 अंक जुटाकर शीर्ष स्थान हासिल किया। इसके अलावा, 45वें चेस ओलंपियाड में भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में भी उनकी अहम भूमिका रही। दिव्या एशियाई जूनियर चैंपियन भी हैं। दिव्या शतरंज की दुनिया में अब जाना-पहचाना नाम है। 

नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को दे चुकीं हैं मात

दिव्या देशमुख इस साल फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम शतरंज चैंपियनशिप में दुनिया की नंबर एक खिलाड़ी होउ यिफान को मात दे चुकी हैं। इसके लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। दिव्या ने 10 से 16 जून को लंदन में आयोजित फिडे वर्ल्ड ब्लिट्ज टीम चैंपियनशिप के सेमीफाइनल के दूसरे चरण में चीन की यिफान को हराया था।

दिव्या के करियर की यह सबसे बड़ी जीत में से एक है। ओलंपियाड में तीन स्वर्ण, कई एशियाई और विश्व युवा खिताब। चेन्नई में शतरंज गुरुकुल में जीएम आरबी रमेश के तहत प्रशिक्षित दिव्या को उनकी तेज सामरिक दृष्टि, अडिग धैर्य और रचनात्मक प्रतिभा के लिए सराहा जाता है।

महाराष्ट्रीयन है दिव्या देशमुख?

दिव्या शतरंज के क्षेत्र में एक 19 वर्षीय उभरती हुई प्रतिभा हैं। उनका जन्म और पालन-पोषण नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ और उन्होंने छोटी उम्र से ही शतरंज खेलना शुरू कर दिया था। भवंस भगवानदास पुरोहित विद्या मंदिर में उनकी प्रारंभिक शिक्षा ने उन्हें इस खेल में एक अनुशासित यात्रा के लिए तैयार किया।

दिव्या देशमुख कितना कमाती है?

ओपन और महिला शतरंज ओलंपियाड 2024 में स्वर्ण पदक जीतने पर महाराष्ट्र राज्य सरकार से प्रत्येक को 1 करोड़ (USD 1,18,952) का पुरस्कार मिलेगा!

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