Rajasthan : फर्जी डिग्री घोटाले में पकड़ी गई पूर्व वॉलीबॉल खिलाड़ी

By Surekha Bhosle | Updated: August 26, 2025 • 1:29 PM

Rajasthan : राजस्थान एटीएस ने ओपीजेएस यूनिवर्सिटी के फर्जी डिग्री (Fake Degree) मामले में बड़ी सफलता हासिल की है। एटीएस टीम ने 25000 रुपये की इनामी और लंबे समय से फरार महिला आरोपी संगीता कड़वासरा को दस्तयाब किया। एटीएस – एसओजी के अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस वीके सिंह के निर्देश पर की गई इस कार्रवाई में संगीता का पकड़ने में टीम का खासी मशक्कत करनी पड़ी है।

कौन है संगीता कड़वासरा , खेल कोटे से नौकरी, फिर फर्जीवाड़े में एंट्री

संगीता कड़वासरा (Sangeeta Kadwasra) उर्फ भूमि मूल रूप से चूरू जिले की रहने वाली है और अंतरराष्ट्रीय वॉलीबॉल खिलाड़ी रही है। खेल कोटे से उसे रेलवे में नौकरी मिली थी। साल 2014 में तलाक के बाद उसने रेलवे की नौकरी छोड़ दी और दिल्ली में पिता के घर रहने लगी। बेरोजगारी के चलते उसने पहले रोहतक के ओके इंडिया न्यूज़ चैनल में काम किया और बाद में ओपीजेएस यूनिवर्सिटी में ऑब्जर्वर बन गई

यूनिवर्सिटी में डिग्री घोटाला, फिर दिल्ली में छिपी

Sangeeta Kadwasra : एटीएस जांच में सामने आया कि संगीता यूनिवर्सिटी मालिक जोगेंद्र सिंह के साथ मिलकर विभिन्न कोर्सों की हजारों फर्जी डिग्रियां पीछे की तारीखों में प्रिंट कर दलालों के जरिए बेचती थी। इसके बदले मोटी रकम ली जाती थी। पकड़े जाने के डर से वह दिल्ली में जा छिपी। एटीएस टीम पिछले सात दिनों से इलाके में निगरानी कर रही थी, लेकिन संगीता घर से बाहर नहीं निकलती थी। वह केवल सुबह-सुबह पास के शिव मंदिर जाती थी। पुलिस ने मंदिर और आस-पास की कॉलोनियों की जांच की तो पता चला कि वह अपने भतीजे के किराए के फ्लैट में छुपी हुई है।

पकड़ने के लिए बिजली काटी, तब मिली कामयाबी

टीम ने बिजली काटकर भतीजे को बाहर बुलवाया और केयर टेकर से ताला खुलवाया। जैसे ही दरवाजा खुला, संगीता कमरे के अंदर बैठी मिली और तुरंत हिरासत में ले ली गई। इस कार्रवाई में राजेश यादव, निशा चावरिया, अमित नागोरा, सचिन भारद्वाज, संदीप कुमार, गजराज सिंह, विकास भारद्वाज और हरिसिंह जैसे अधिकारी शामिल रहे। एटीएस प्रमुख ने टीम को विशेष कार्यक्रम में सम्मानित करने की घोषणा की है।

वॉलीबॉल के प्रसिद्ध खिलाड़ी कौन थे?

पलानीस्वामी कर रहे थे , दोनों अर्जुन पुरस्कार विजेता, जो सीनियर टीम में शामिल हो गए थे, जिसका नेतृत्व उस समय टीपी पद्मनाभन नायर कर रहे थे, जो 1958 की टीम का भी हिस्सा थे। भारत को रजत पदक से संतोष करना पड़ा जो वर्तमान में एशियाई खेलों में उनकी अब तक की सर्वोच्च उपलब्धि है।

वॉलीबॉल में कितने प्लेयर होते हैं?

वॉलीबॉल एक टीम खेल है जिसमें छह सक्रिय खिलाड़ियों की दो टीमें एक-दूसरे के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करती हैं। इसका उद्देश्य गेंद को नेट के ऊपर से प्रतिद्वंद्वी के कोर्ट में पहुँचाना होता है।

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