पीवी सिंधू को भी मिली कामयाबी
ओलंपिक में दो बार की पदक विजेता पीवी सिंधू (PV Sindhu) ने बुधवार को जापान की छठी वरीयता प्राप्त तोमोका मियाजाकी को 21-15, 8-21, 21-17 से हराकर चाइना ओपन सुपर 1000 बैडमिंटन प्रतियोगिता के अंतिम 16 में प्रवेश किया। सिंधू ने बेहतरीन शुरुआत की और लगातार सात अंक लेकर पहले गेम में 13-5 की बढ़ बना ली और फिर आसानी से ये गेम अपने नाम कर लिया।
मियाजाकी ने की बेहतरी वापसी
वहीं दूसरे गेम में मियाजाकी (miyazaki) ने बेहतरी वापसी की और लगातार 9 अंक लेकर 12-8 की बढ़ बना ली। जापान की खिलाड़ी ने ये गेम जीतकर मुकाबले को बराबरी पर ला दिया। सिंधू ने तीसरे और निर्णायक गेम में शुरू से अच्छा प्रदर्शन किया और लगातार बढ़त बनाए रखकर 62 मिनट तक चले कड़े मुकाबले में जीत हासिल की। मौजूदा समय में वर्ल्ड रैंकिंग में 15वें स्थान पर काबिज सिंधू का सामना दूसरी बार मियाजाकी से हो रहा था।
भारतीय जोड़ी का अगले राउंड में सामना
वहीं पुरुष युगल में विश्व की 12वीं नंबर की जोड़ी सात्विक-चिराग ने जापान के केन्या मित्सुहाशी और हिरोकी ओकामुरा को आसानी से 21-13, 21-9 से हराकर बेहतरीन जीत दर्ज की। इस भारतीय जोड़ी का अब अगले राउंड में सामना जापान के ताकुमी नोमुरा-युइची शिमोगामी या इंडोनेशिया के लियो रोली कार्नंडो-बागास मौलाना के बीच होने वाले मैच से होगा। महिला युगल में, रुतपर्णा पांडा-श्वेतापर्णा पांडा की भारतीय जोड़ी हांगकांग चीन की येउंग नगा टिंग और येउंग पुई लाम से 12-21, 13-21 से हराकर बाहर हो गई।
पी वी सिंधु कौन हैं?
पी. वी. सिंधु एक भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी हैं। उनका पूरा नाम पुसरला वेंकट सिंधु है। वह विश्व बैडमिंटन में भारत का प्रतिनिधित्व करती हैं और कई अंतरराष्ट्रीय खिताब जीत चुकी हैं।
पीवी सिंधु कौन हैं?
पीवी सिंधु भारत की शीर्ष बैडमिंटन खिलाड़ी हैं, जिन्होंने ओलंपिक और विश्व चैंपियनशिप में पदक जीते हैं। वह आंध्र प्रदेश की रहने वाली हैं और बैडमिंटन में भारत का गौरव बढ़ा चुकी हैं।
पीवी सिंधु क्यों प्रसिद्ध है?
पीवी सिंधु बैडमिंटन में ओलंपिक सिल्वर (2016) और ब्रॉन्ज (2021) जीतने के लिए प्रसिद्ध हैं। वह वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल जीतने वाली पहली भारतीय खिलाड़ी भी हैं। उनकी उपलब्धियां उन्हें भारत की खेल आइकन बनाती हैं।
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