देश की पहली प्राइवेट कंपनी को मिला रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार का काम
नई दिल्ली: मेघा इंजीनियरिंग एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड (MEIL) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। कंपनी को भारत का पहला प्राइवेट सेक्टर का स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व (SPR) बनाने और संचालित करने का काम मिला है। यह प्रोजेक्ट लगभग 5,700 करोड़ रुपये का है। यह भारत की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है, क्योंकि वर्तमान भंडार केवल 8-9 दिनों की कच्चे तेल की मांग को पूरा कर सकता है। इस प्रोजेक्ट के तहत, मेघा इंजीनियरिंग कर्नाटक(Karnataka) के पादुर में 2.5 मिलियन मीट्रिक टन (MMT) का SPR बनाएगी और अगले 60 वर्षों तक उसका प्रबंधन करेगी।
प्रोजेक्ट की बोली प्रक्रिया और लाभ
इस प्रोजेक्ट की बोली इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड (ISPRL) द्वारा मंगाई गई थी। इसमें सबसे कम वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की मांग करने वाली कंपनी को चुना गया। मेघा इंजीनियरिंग की बोली इस सरकारी सीमा के करीब थी, जिससे उसे यह काम मिल गया। यह भंडार न केवल देश की सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि यह एक व्यावसायिक मॉडल के रूप में भी काम करेगा। मेघा इंजीनियरिंग अपने निवेश पर रिटर्न पाने के लिए स्टोरेज की जगह सरकार या तेल कंपनियों(SPR) को किराए पर दे सकती है। आपातकाल की स्थिति में कच्चे तेल पर पहला अधिकार सरकार का ही होगा।
चुनौतियों और भविष्य की योजनाएं
यह प्रोजेक्ट मेघा इंजीनियरिंग(SPR) के लिए एक नया अनुभव होगा, क्योंकि कंपनी मुख्य रूप से EPC कॉन्ट्रैक्टर के रूप में काम करती है। इसमें तेल को लोड और अनलोड करने के लिए विशेष सुविधाएं, और जमीन और समुद्र में पाइपलाइन बिछाने का काम भी शामिल है। इस तरह के प्रोजेक्ट(SPR) में प्राइवेट भागीदारी को लाने की चर्चा 10 साल पहले शुरू हुई थी, लेकिन सही नियमों को तैयार करने में समय लगा। इस प्रोजेक्ट के बाद, भारत की रणनीतिक तेल भंडार क्षमता में काफी वृद्धि होगी, हालांकि यह अभी भी अमेरिका और चीन जैसे देशों की तुलना में काफी कम है।
मेघा इंजीनियरिंग को भारत का पहला प्राइवेट एसपीआर बनाने का काम किस आधार पर मिला?
मेघा इंजीनियरिंग को यह काम बोली प्रक्रिया के आधार पर मिला, जिसमें उसने सरकार से सबसे कम वायबिलिटी गैप फंडिंग (VGF) की मांग की।
रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार (SPR) में कच्चे तेल को रखने का मुख्य उद्देश्य क्या है?
एसपीआर का मुख्य उद्देश्य देश की ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करना है, ताकि किसी भी आपात स्थिति में कच्चे तेल की आपूर्ति सुनिश्चित की जा सके।
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