राजस्थान में बड़ा प्रशासनिक फेरबदल हुआ है। सरकार ने राजस्थान (Rajasthan)प्रशासनिक सेवा के 222 अधिकारियों का तबादला कर दिया है। इसके साथ ही 11 अधिकारियों को उनके मौजूदा पदभार के साथ अतिरिक्त प्रभार दिया गया है। इस लिस्ट का लंबे समय से इंतजार किया जा रहा था। अधिकारियों के टांसफर के लिए कई दिनों से मशक्कत जारी थी। अब इसका नतीजा आ चुका है और अधिकारियों के ट्रांसफर की लिस्ट जारी हो गई है।
दिनेश कुमार जांगिड़ (Dinesh Kumar Jangid) को पशुपालन विभाग में संयुक्त शासन सचिव बनाया गया है। वहीं, असलम शेर खान को अल्पसंख्यक मामलात में संयुक्त सचिव की जिम्मेदारी दी गई है। नरेंद्र कुमार बंसल को जयपुर ग्रेटर नगर निगम में अतिरिक्त आयुक्त और आनंदीलाल वैष्णव को गृह विभाग में संयुक्त शासन सचिव पद का जिम्मा सौंपा गया है।
कई विभागों के अधिकारी बदले
कार्मिक विभाग की ओर से जारी आदेश में सरकार के कई विभागों में अधिकारी बदले गए हैं। पदस्थापन की प्रतीक्षा कर रहे आरएएस अधिकारियों को पोस्टिंग दी गई है। अदेश में कहा गया है कि सहकारिता विभाग के संयुक्त शासन सचिव दिनेश कुमार को पशुपालन विभाग में संयुक्त शासन सचिव पद पर लगाया गया है। जल संसाधन विभाग में संयुक्त सचिव असलम शेर खान को अल्पसंख्यक मामला विभाग में संयुक्त सचिव पद पर लगाया गया है।
दर्जनभर अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार
आरएएस नरेश कुमार बंसल को कार्मिक विभाग के संयुक्त शासन सचिव पद से हटाकर नगर निगम जयपुर ग्रेटर में अतिरिक्त आयुक्त लगाया गया है। आरएएस आनंदी लाल वैष्णव अब संयुक्त शासन सचिव (गृह-पुलिस) होंगे। आदेश में दर्जन भर आरएएस अधिकारियों को अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है, जबकि पहले किए गए कुछ तबादलों के आदेश रद्द कर दिए गए हैं।
राजस्थान का सर्वोच्च प्रशासनिक अधिकारी कौन है?
मुख्य सचिव राजस्थान Rajasthan राज्य सरकार में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) का सर्वोच्च पदस्थ अधिकारी होता है। यह पद मुख्यमंत्री और राज्य सरकार के प्रमुख सलाहकार के रूप में कार्य करता है और राज्य के विभिन्न विभागों के प्रशासन के लिए उत्तरदायी होता है।
राजस्थान की प्रशासनिक व्यवस्था क्या है?
भारत का एक राज्य है, जहाँ अन्य भारतीय राज्यों की तरह संसदीय शासन प्रणाली की व्यवस्था है। सम्पूर्ण राज व्यवस्था संवैधानिक व्यवस्था के अन्तर्गत व्यवस्थापिका, कार्यपालिका एवं न्यायपालिका द्वारा संचालित की जाती है। राजस्थान में एक सदनीय व्यवस्थापिका का प्रावधान है, जिसे विधानसभा कहा जाता है।
अन्य पढ़ें: