तालिबानी नेता हिबतुल्ला अखुंदजादा ने कहा है कि अफगानिस्तान में पश्चिमी राजनियम की कोई आवश्यकता नहीं है और जब तक शरिया लागू है, स्वराज्य का अस्तित्व समाप्त हो चुका है। कंधार स्थित ईदगाह मस्जिद में ईद-उल-फितर के मौके पर दिए गए गुरुमंत्र में उन्होंने यह समीक्षा की।
तालिबान सरकार के प्रवक्ता जबीहुल्ला मुजाहिद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर अखुंदजादा के 50 मिनट के व्याख्यान का ध्वनि साझा किया। इसमें तालिबानी नेता ने इस्लामी कानूनों को प्रमुख बताते हुए कहा, “हम अपने कानून खुद बनाएंगे, प्रतीची कानून की प्रयोजन नहीं है।” उन्होंने गाजा में इजरायल-हमास युद्ध का जिक्र करते हुए प्रतीची देशों पर इस्लाम विरोधी होने का आरोप भी लगाया।
तालिबान की सख्ती: महिलाओं पर जारी हैं कड़े प्रतिबंध
शरिया विधि लागू करने के चलते तालिबान ने अफगान महिलाओं और लड़कियों पर कई कड़े निषेध लगाए हैं। इसके कारण वे शिक्षा, नौकरियों और अधिकांश राजकीय स्थानों से वंचित हो गई हैं। इन प्रतिबंधों की वजह से तालिबान को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर नुक्ताचीनी झेलनी पड़ी, हालांकि उन्होंने चीन और मिलकर अरब अमीरात जैसे कुछ देशों से राजनयिक संबंध बनाए रखे हैं।
2021 में अफगानिस्तान पर अधिकार करने के बाद, तालिबान ने पहले उदार हुकूमत का वादा किया था, लेकिन सुप्रीम लीडर हिबतुल्ला अखुंदजादा ने सख्त नीतियां लागू कर दीं। तालिबान का देश के अंदर कोई सबल प्रतिपक्ष नहीं है, जिससे उसकी पकड़ सत्ता पर बनी हुई है।