लगातार सात दिनों की तेजी के बाद, 26 मार्च को निवेशकों ने ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली की, जिससे शेयर बाजार में गिरावट दर्ज की गई। 26 और 27 मार्च को भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली,जिसकी मुख्य वजह अमेरिकी टैरिफ को लेकर बढ़ती अनिश्चितता रही।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को बड़े टैरिफ फैसलों की घोषणा करने की बात कही है। माना जा रहा है कि वे कई देशों पर जवाबी टैक्स (रेसिप्रोकल टैरिफ) लागू कर सकते हैं। हालांकि,उन्होंने संकेत दिया है कि कुछ देशों को इसमें छूट मिल सकती है, लेकिन अधिकांश को नहीं।
ट्रंप के इस बयान के बाद वैश्विक व्यापार पर असर पड़ने की आशंका बढ़ गई है,जिससे भारतीय शेयर बाजार पर भी दबाव देखने को मिल रहा है।
शेयर बाजार में गिरावट, मुनाफावसूली और रुपये पर दबाव

लगातार सात दिनों की तेजी के बाद 26 मार्च को निवेशकों ने ऊंचे स्तर पर मुनाफावसूली की, जिससे भारतीय शेयर बाजार में गिरावट देखने को मिली। कोटक सिक्योरिटीज के इक्विटी रिसर्च हेड श्रीकांत चौहान ने बताया कि हालिया उछाल के बाद ऊंचे स्तरों पर मुनाफावसूली हो रही है, हालांकि शॉर्ट टर्म स्ट्रक्चर अभी भी मजबूत है।
इससे पहले, 26 मार्च को भारतीय रुपया शुरुआती बाजार में डॉलर के मुकाबले 6 पैसे गिरकर 85.78 पर आ गया। करेंसी विशेषज्ञों के मुताबिक,डॉलर इंडेक्स की मजबूती और महीने के अंत में डॉलर की बढ़ती मांग के कारण रुपये पर दबाव बना हुआ है।
मंगलवार को रुपये ने लगातार सात दिनों की बढ़त का सिलसिला तोड़ते हुए 11 पैसे गिरकर 85.72 प्रति डॉलर पर बंद किया था। जियोजीत इन्वेस्टमेंट के चीफ मार्केट स्ट्रेटजिस्ट आनंद जेम्स के अनुसार,23600 का स्तर पहले गिरावट रोकने में मददगार रहा, लेकिन अब ‘ईवनिंग स्टार’ पैटर्न बनता दिख रहा है, जो बाजार में और उतार-चढ़ाव का संकेत देता है।