सूडान की कहानी 19वीं शताब्दी से आरंभ होती है, जब ओटोमन साम्राज्य की मिस्र शाखा ने इसे विजय प्राप्त करके सूडान बनाया। फिर 20वीं शताब्दी की आरंभ में ब्रिटेन और मिस्र के साझा शासन “कॉन्डोमिनियम” के तहत यह प्रदेश रहा।
सूडान गृहयुद्ध: फौज का सत्ता पर शासन
आजादी के बाद से ही फौज सूडान की राजनीति में केंद्र में रही है। 1958, 1969 और 1989 में सेना ने सत्ता पर तख्तापलट कर क़ाबू किया और देश को अपने अनुसार चलाया।
फौज बनाम RSF – संग्राम की आरंभ कैसे हुई?
15 अप्रैल 2023 को सूडानी सेना (SAF) और अर्धसैनिक बल RSF के बीच लड़ाई आरंभ हुई।
- SAF का नेतृत्व जनरल अब्देल फतह अल-बुरहान कर रहे थे
- RSF का नेतृत्व जनरल मोहम्मद हमदान डागालो उर्फ “हेमेदती” कर रहे थे
खार्तूम में विस्फोट और गोलीबारी के बाद विरोध भड़क गया और तब से देश दो भागों में बंटा हुआ है:
- उत्तर और पूर्व: सैन्य का नियंत्रण
- पश्चिम और दक्षिण: RSF का दबदबा

मानवीय संकट – दारफुर में नरसंहार
RSF ने हाल ही में उत्तरी दारफुर की राजधानी अल-फशर और विस्थापन शिविरों पर भीषण आक्रमण किया।
- जमजम शिविर, जो 5 लाख से अधिक शरणार्थियों का घर है, अब RSF के कब्जे में है
- इन आक्रमण में 200 से अधिक नागरिकों की देहांत हो चुकी है
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
अमेरिका ने दोनों पक्षों पर प्रतिबंध लगाए हैं
- RSF पर नरसंहार का इलज़ाम
- सेना पर नागरिकों पर हमला करने का इलज़ाम
संयुक्त राष्ट्र ने इसे दुनिया का सबसे गंभीर मानवीय संकट बताया है। फरवरी 2025 तक 20,000 से 1.5 लाख तक मौतों का अनुमान है।
क्या सूडान फिर एकजुट हो पाएगा?
सूडान का यह गृहयुद्ध सिर्फ सत्ता की युद्ध नहीं, बल्कि औपनिवेशिक विरासत, सैन्य शासन और अस्थिर लोकतंत्र की त्रासदी भी है। एक स्थायी समाधान तभी संभव है जब दोनों पक्ष ख़ामोशी वार्ता की ओर लौटें और अंतरराष्ट्रीय समुदाय सक्रिय भूमिका निभाए।