Summer बढ़ते ही आग की घटनाएं भी बढ़ीं, यूपी में फसल राख तो दिल्ली में फैक्ट्री खाक – जानें कैसे रखें सावधानी
गर्मियों का मौसम अपने साथ सिर्फ लू और गर्म हवाएं ही नहीं लाता, बल्कि आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ जाती हैं। उत्तर भारत में इस समय पारा तेजी से चढ़ रहा है और इसके साथ ही अग्निकांड की खबरें भी आम हो गई हैं। उत्तर प्रदेश के कई इलाकों में खेतों में लगी आग से किसानों की मेहनत पल भर में राख हो गई, वहीं दिल्ली के एक औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्री में आग लगने से लाखों का नुकसान हो गया।
आइए जानते हैं इन घटनाओं का पूरा विवरण, आग लगने की वजहें और इससे बचाव के उपाय।
उत्तर प्रदेश: खेतों में लगी आग से किसानों की मेहनत राख
उत्तर प्रदेश के हरदोई, रायबरेली, उन्नाव और कई जिलों से आग लगने की खबरें आई हैं। गेहूं की कटाई के दौरान तेज Summer और हवा के चलते आग तेजी से फैल गई। कुछ जगहों पर बिजली के तार गिरने से आग लगी तो कहीं लोगों की लापरवाही वजह बनी।
किसानों का कहना है, “साल भर की मेहनत कुछ ही मिनटों में खत्म हो गई। ना फसल बची, ना उम्मीदें।” प्रशासन की तरफ से राहत राशि की घोषणा तो हुई है, लेकिन नुकसान की भरपाई आसान नहीं।

दिल्ली: फैक्ट्री में लगी भीषण आग, कई घंटे चला रेस्क्यू ऑपरेशन
दिल्ली के नरेला औद्योगिक क्षेत्र में एक फैक्ट्री में अचानक भीषण आग लग गई। बताया जा रहा है कि फैक्ट्री में केमिकल और प्लास्टिक सामग्री थी, जिससे आग ने तेजी से विकराल रूप ले लिया।
दमकल की 20 से ज्यादा गाड़ियों ने कई घंटों की मशक्कत के बाद आग पर काबू पाया। हालांकि, राहत की बात ये रही कि कोई जनहानि नहीं हुई, लेकिन आर्थिक नुकसान काफी भारी है।
आग लगने की मुख्य वजहें
- तेज तापमान और सूखी हवा: Summer में नमी की कमी और तेज हवा आग फैलने में सहायक होती है।
- बिजली की लापरवाही: खुले बिजली के तार, ओवरलोडिंग और शॉर्ट सर्किट से आग लगने की घटनाएं आम होती हैं।
- ज्वलनशील पदार्थों का गलत भंडारण: खासकर फैक्ट्रियों और बाजारों में सेफ्टी मापदंडों की अनदेखी की जाती है।
- मानव लापरवाही: खेतों में बीड़ी-सिगरेट पीना, कूड़े में आग लगाना जैसी गतिविधियां भी बड़ी आग का कारण बन सकती हैं।
आग से बचाव के उपाय – क्या करें?
- फायर अलार्म और उपकरण लगवाएं: घर, ऑफिस, फैक्ट्री या खेत के पास प्राथमिक अग्निशमन यंत्र जरूर रखें।
- बिजली की नियमित जांच: वायरिंग की समय-समय पर जांच कराएं और पुराने तारों को बदलवाएं।
- ज्वलनशील वस्तुओं को सुरक्षित रखें: रसायन, तेल या गैस सिलेंडर जैसी चीजों को सुरक्षित और ठंडी जगह रखें।
- जनजागरूकता अभियान: ग्रामीण और शहरी दोनों क्षेत्रों में आग से बचाव को लेकर प्रशिक्षण और जागरूकता फैलाएं।

सरकारी कदम और जिम्मेदारी
राज्य सरकारों ने अग्निकांड से निपटने के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं और फायर ब्रिगेड की टीमें भी अलर्ट पर हैं। लेकिन सिर्फ सरकारी प्रयास काफी नहीं, आम नागरिकों को भी सतर्क रहना होगा।
गर्मियों में आग लगने की घटनाएं अब एक गंभीर समस्या बन चुकी हैं। यह सिर्फ आर्थिक नुकसान नहीं पहुंचातीं, बल्कि कई बार लोगों की जान भी ले लेती हैं। ऐसे में सावधानी ही सबसे बड़ा बचाव है। खेत हो या फैक्ट्री, बिजली हो या गैस – हर जगह सतर्कता जरूरी है।
अगर हम सभी मिलकर छोटे-छोटे सुरक्षा उपाय अपनाएं, तो इन घटनाओं को काफी हद तक रोका जा सकता है। Summer का मौसम पहले ही कठिन होता है, आग से और नुकसान न हो, इसके लिए जागरूक रहना ही बेहतर है।