23 साल के रेप आरोपी को Suprime Court ने दी राहत. “महिला कोई बच्ची..”

By Vinay | Updated: May 28, 2025 • 5:32 PM

नई दिल्ली:सुप्रीम कोर्ट आज 23 वर्षीय सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर को राहत देते हुए कहा कि, 40 वर्ष की महिला बच्ची नहीं है, वह साथ में 7 बार जम्मू जाती है आई फोन दिलाती है। आखिर आपने 9 महीने बीत जाने के बाद आरोप पात्र क्यों नहीं किया ? सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली पोलिस को लताड़ लगाते हुए कहा कि, महिला 40 साल की, आपने 376 कैसे लगाया?

महिला 7 बार जम्मू गई और पति को आपत्ति नहीं हुई?’

जस्टिस बी वी नागरत्ना और जस्टिस सतीश चंद्र शर्मा की बेंच ने तीखी टिप्पणी करते हुए यह भी पूछा कि दिल्ली पुलिस सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर युवक के खिलाफ दुष्कर्म का मामला कैसे दर्ज कर सकती है, जबकि महिला स्वेच्छा से उसके साथ गई थी। बेंच ने कहा, ‘‘एक हाथ से ताली नहीं बजती।

आपने (दिल्ली पुलिस) किस आधार पर आईपीसी की धारा 376 के तहत केस दर्ज किया है। वह बच्ची नहीं है। 40 साल की महिला है। वे दोनों एक साथ जम्मू गए। आपने धारा 376 क्यों लगाई है। यह महिला सात बार जम्मू जाती है और पति को कोई आपत्ति नहीं होती?’’

क्या है पूरा मामला?

सुप्रीम कोर्ट, दिल्ली हाईकोर्ट के एक आदेश के खिलाफ आरोपी युवक द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रहा था। हाईकोर्ट ने आरोपों की गंभीरता को देखते हुए उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था। पुलिस की शिकायत के अनुसार महिला पहली बार 2021 में सोशल मीडिया के माध्यम से आरोपी के संपर्क में आई जब वह अपने कपड़ों के ब्रांड के प्रचार के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर की तलाश कर रही थी।

महिला ने इन्फ्लुएंसर को दिलाया आईफोन

शुरुआती बातचीत के दौरान आरोपी ने कथित तौर पर प्रचार सामग्री को प्रभावशाली दिखाने के लिए एक आईफोन का अनुरोध किया, जिसे उसने जम्मू में एक अधिकृत ‘एप्पल स्टोर’ के माध्यम से उपलब्ध कराया। हालांकि, आरोपी द्वारा आईफोन को बेचने का प्रयास करने के बाद उनके प्रोफेशनल रिलेशन खराब हो गए।

अधिकृत विक्रेता ने 20,000 रुपये काटने के बाद महिला के खाते में रुपये वापस कर दिए। शिकायत में कहा गया कि हालांकि, आरोपी ने रुपये वापस करने का वादा किया था, लेकिन कुछ समय बाद महिला ने उससे सभी संबंध खत्म करने का फैसला किया। 

महिलाम का कथित आरोप- पहले किया बेहोश फिर अश्लील तस्वीर खिंच करता था रेप

युवक दिसंबर 2021 में 20,000 रुपये वापस करने और माफी मांगने के लिए नोएडा में महिला के घर गया। इसके बाद उसने महिला को कनॉट प्लेस में एक प्रचार सामग्री की शूटिंग के वास्ते यात्रा करने के लिए राजी कर लिया। यात्रा के दौरान आरोपी ने कथित तौर पर उसे नशीले पदार्थ मिली मिठाई दी और वह बेहोश हो गई।

आरोपी ने उसे हिंदू राव अस्पताल ले जाने की बात कही लेकिन वह महिला को कथित तौर पर अस्पताल के पीछे एक सुनसान इलाके में ले गया और उसका यौन उत्पीड़न किया, उसके पर्स से रुपये चुरा लिये और उसकी अश्लील तस्वीरें खींचीं।

महिला ने क्या कहा ?

शिकायत के अनुसार इसके बाद महिला को जम्मू जाने के लिए कथित तौर पर मजबूर किया गया, जहां ढाई साल की अवधि में लगातार उसका यौन शोषण किया, जबरन वसूली की और धमकियां दीं। इस मामले में भारतीय दंड संहिता की धारा 376 (दुष्कर्म), 354 (महिला पर हमला), 323 (जानबूझकर चोट पहुंचाना), 506 (आपराधिक धमकी), 509 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना) और 34 के तहत FIR दर्ज की गई। 

शीर्ष अदालत ने दी अंतरिम जमानत

शीर्ष अदालत ने कहा कि यह अंतरिम जमानत देने के लिए उपयुक्त मामला है क्योंकि आरोपी 9 महीने से जेल में है और आरोप तय नहीं किए गए हैं। कोर्ट ने निर्देश दिया कि आरोपी को अधीनस्थ अदालत में पेश किया जाए और नियमों-शर्तों के अधीन अंतरिम जमानत दी जाए। बेंच ने कहा कि वह अपनी स्वतंत्रता का दुरुपयोग नहीं करेगा और महिला से संपर्क करने का प्रयास नहीं करेगा। शीर्ष अदालत ने आरोपी पर भी टिप्पणी करते हुए पूछा, ‘‘ऐसे लोगों से कौन प्रभावित होता है?’’

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