Breaking News Supreme: धर्मांतरण कानूनों पर आठ राज्यों को नोटिस

By Dhanarekha | Updated: September 17, 2025 • 11:36 AM

सुप्रीम कोर्ट ने 6 सप्ताह बाद तय की सुनवाई

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने धार्मिक परिवर्तन से जुड़े कानूनों की संवैधानिक वैधता पर सुनवाई करते हुए आठ राज्यों को नोटिस जारी किया है। चीफ जस्टिस बीआर गवई(BR Gavai) की अगुवाई वाली बेंच ने उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश(Himachal Pradesh), उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड और कर्नाटक को चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया। अदालत ने कहा कि अगली सुनवाई छह सप्ताह बाद होगी

धार्मिक स्वतंत्रता पर उठे सवाल

याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि ये कानून अल्पसंख्यकों की धार्मिक स्वतंत्रता को सीमित करते हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता चंदर उदय सिंह, जो सिटिजन्स फॉर जस्टिस एंड पीस की ओर से पेश हुए, ने कहा कि राज्यों में इन कानूनों को और कड़ा किया जा रहा है। उनके मुताबिक, इससे मौलिक अधिकारों का उल्लंघन हो रहा है, इसलिए तुरंत सुनवाई जरूरी है।

इसी बीच अदालत ने एक अन्य मामले में कहा कि मंदिरों में भक्तों द्वारा चढ़ाया गया पैसा विवाह मंडप बनाने के लिए उपयोग नहीं किया जा सकता। कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर का फंड सार्वजनिक या सरकारी धन की श्रेणी में नहीं आता। इस याचिका पर सुनवाई के लिए 19 नवंबर की तारीख तय की गई है।

महाराष्ट्र निकाय चुनाव पर तल्ख टिप्पणी

महाराष्ट्र निकाय चुनाव के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट(Supreme Court) ने राज्य चुनाव आयोग को कड़ी फटकार लगाई। अदालत ने कहा कि आयोग समयबद्ध कार्यक्रम का पालन करने में विफल रहा है। हालांकि, एक बार की छूट देते हुए शीर्ष अदालत ने निर्देश दिया कि सभी स्थानीय निकायों के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक कराए जाएं। साथ ही, यह भी स्पष्ट कर दिया कि आगे कोई विस्तार नहीं मिलेगा।

जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने कहा कि डीलिमिटेशन की प्रक्रिया 31 अक्टूबर 2025 तक पूरी करनी होगी और इसे चुनाव टालने का बहाना नहीं बनाया जा सकता। कोर्ट(Supreme Court) ने यह भी कहा कि मार्च 2026 में बोर्ड परीक्षाएं प्रस्तावित हैं, लेकिन यह चुनाव स्थगित करने का कारण नहीं बन सकता। आयोग की निष्क्रियता पर अदालत ने असंतोष भी जाहिर किया।

सुप्रीम कोर्ट ने किन राज्यों से धर्मांतरण कानूनों पर जवाब मांगा

उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, गुजरात, हरियाणा, झारखंड और कर्नाटक से अदालत ने चार सप्ताह में जवाब दाखिल करने को कहा है।

महाराष्ट्र में निकाय चुनाव को लेकर अदालत का क्या आदेश है

सुप्रीम कोर्ट ने सभी स्थानीय निकायों के चुनाव 31 जनवरी 2026 तक कराने का निर्देश दिया है और स्पष्ट किया है कि आगे कोई तारीख नहीं बढ़ाई जाएगी।

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