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Swadeshi Movement से आत्मनिर्भर इंडिया तक का यात्रा

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Swadeshi Movement से आत्मनिर्भर इंडिया तक का यात्रा

स्वदेशी आंदोलन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक मुख्य स्तंभ रहा है, जिसने न केवल ब्रिटिश शासन के विरुद्ध जनजागृति फैलाई, बल्कि आर्थिक स्वावलंबन की भावना भी जगाई। आज यही मुहिम आत्मनिर्भर इंडिया की दृढ़ नींव बन चुका है।

स्वदेशी आंदोलन: स्वदेशी चीज अपनाना क्यों है आवश्यक?

हिन्दुस्तानी उत्पादों को प्राथमिकता देना केवल धन-संबंधी फैसला नहीं, बल्कि राष्ट्र सृजन की दिशा में एक अपेक्षित कदम है।

  • इससे विदेशी आयात पर निर्भरता अल्प होती है।
  • स्थानीय कारीगरों और किसानों को रोजगार और सम्मान मिलता है।
  • इंडिया की आर्थिक व्यवस्था को दृढ़ मिलती है।
स्वदेशी आंदोलन

पतंजलि, टाटा, अमूल जैसे ब्रांड्स का योगदान

पतंजलि ने आयुर्वेद संबंधी उत्पादों को घर-घर पहुंचाकर ‘मेड इन इंडिया’ को एक नया आयाम दिया है।

टाटा और रिलायंस — तकनीक व नवाचार में अग्रणी

टाटा मोटर्स की गाड़ियाँ, टाटा स्टील और रिलायंस जियो जैसे नवाचार, इंडिया की व्यावसायिक स्वावलंबन का प्रमाण हैं।

अमूल — इंडिया की दूध क्रांति का चेहरा

गुजरात का यह ब्रांड सिर्फ डेयरी उत्पाद नहीं, बल्कि स्वदेशी कामयाबी की कहानी है।

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पीएम मोदी का ‘वोकल फॉर लोकल’ मंत्र

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2020 में ‘वोकल फॉर लोकल’ का आह्वान किया था। उन्होंने कहा, “हमें अपने देश में बने वस्तुएँ को अपनाना होगा, यही आत्मनिर्भर इंडिया की दिशा है।” उनका यह संदेश आज भी प्रासंगिक है।

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