स्वर्गेट से कात्रज तक का यह मेट्रो विस्तार पुणे मेट्रो के लाइन-1 (पिंपरी-Swargate) का हिस्सा है। मौजूदा योजना में स्वर्गेट से आगे बढ़ाकर कात्रज चौक तक मेट्रो को जोड़ा जा रहा है। इस 5.5 किलोमीटर लंबे भूमिगत मार्ग में अब दो अतिरिक्त स्टेशन जोड़े जाएंगे, जिससे कुल स्टेशनों की संख्या बढ़ जाएगी और लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
Swargate-Katraj :मेट्रो विस्तार को नई मंज़ूरी मिली।
संशोधित टेंडर में क्या बदला?
महामेट्रो द्वारा जारी किया गया संशोधित टेंडर निम्नलिखित बिंदुओं को शामिल करता है:
भूमिगत मार्ग की कुल लंबाई: 5.5 किमी
कुल स्टेशन: 5 (पहले 3 थे)
नए स्टेशनों के नाम: प्रस्तावित रूप से सरस्वती नगर और गुंजन चौक
कुल लागत में अनुमानित वृद्धि: ₹900 करोड़ से बढ़कर ₹1,300 करोड़
निर्माण कार्य की समयसीमा: 36 से 42 महीने
कौन करेगा फंड?
इस परियोजना को Public-Private Partnership (PPP) मॉडल में लाने की तैयारी थी, लेकिन दो नए स्टेशनों के लिए फंड की ज़िम्मेदारी अब महाराष्ट्र सरकार ने अपने कंधों पर ली है। इससे महापरियोजना को आगे बढ़ाने में तेज़ी आने की उम्मीद है।
यात्री सुविधाओं में होगा सुधार
इस विस्तार के बाद पुणे के दक्षिणी क्षेत्रों, खासकर कात्रज, धायरी, और भारती विद्यापीठ क्षेत्र के यात्रियों को मेट्रो का सीधा लाभ मिलेगा। इससे:
यातायात दबाव में कमी आएगी
बस और निजी वाहनों पर निर्भरता घटेगी
यात्रा समय में कमी आएगी
प्रदूषण और ट्रैफिक की समस्या से राहत मिलेगी
क्या कहते हैं अधिकारी?
Maha-Metro के एमडी बृजेश दीक्षित ने कहा:
“यह मेट्रो विस्तार पुणे की भविष्य की यातायात जरूरतों के लिए आवश्यक है। दो नए स्टेशन जुड़ने से सेवा क्षेत्र बढ़ेगा और अधिक यात्रियों को सुविधा मिलेगी।”
Swargate-Katraj :मेट्रो विस्तार को नई मंज़ूरी मिली।
स्थानीय लोगों की प्रतिक्रिया
स्थानीय निवासी और छात्र वर्ग इस परियोजना को लेकर उत्साहित हैं। कात्रज क्षेत्र के एक निवासी का कहना है:
“अब हमें हर दिन घंटों ट्रैफिक में नहीं फंसना पड़ेगा। मेट्रो से कॉलेज और दफ्तर पहुंचना आसान होगा।”
आगे का रास्ता
टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जून 2025 तक कार्य शुरू होने की उम्मीद है। पहले चरण में भूमिगत बोरिंग और स्टेशन निर्माण पर ज़ोर दिया जाएगा। मेट्रो संचालन की संभावित तिथि 2029 के मध्य मानी जा रही है।
Swargate-कात्रज मेट्रो विस्तार पुणे के सार्वजनिक परिवहन ढांचे को नया आयाम देगा। दो अतिरिक्त स्टेशनों के जुड़ने से यह परियोजना और भी व्यापक और प्रभावशाली बन गई है। महाराष्ट्र सरकार का सहयोग इस दिशा में एक सकारात्मक संकेत है।