अमेरिका ने Tahawwur Rana को हाथ-पैर बांधकर सौंपा भारत को, सामने आई चौंकाने वाली तस्वीर
26/11 मुंबई आतंकी हमले के आरोपी और पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका ने आखिरकार भारत को सौंप दिया है। लेकिन इस प्रत्यर्पण की तस्वीर ने सबको चौंका दिया — Tahawwur Rana के हाथ-पैर में बेड़ियां और कमर में जंजीरें बंधी हुई थीं। यह दृश्य सामने आते ही सोशल मीडिया पर भी तीखी प्रतिक्रियाएं आनी शुरू हो गईं।
अमेरिका से भारत तक प्रत्यर्पण का सफर
Tahawwur Rana को अमेरिका से प्रत्यर्पित करने की प्रक्रिया काफी लंबी चली। अमेरिका की अदालत ने भारत के दिए गए सबूतों के आधार पर प्रत्यर्पण को मंजूरी दी थी। इसके बाद हाल ही में उसे खास विमान से भारत लाया गया, जहां NIA (राष्ट्रीय जांच एजेंसी) ने उसे अपनी कस्टडी में लिया।
जब उसे विमान से उतारा गया, उस वक्त उसके हाथ-पैर और कमर में भारी जंजीरें बंधी थीं — जैसे कि किसी खतरनाक आतंकी को ले जाया जाता है। इस तस्वीर ने सोशल मीडिया पर सनसनी मचा दी।

सामने आई तस्वीर का क्या है मतलब?
इस तस्वीर में Tahawwur Rana को तीन सुरक्षा अधिकारियों के बीच चलते हुए देखा जा सकता है। उसके दोनों हाथ हथकड़ी से जकड़े हैं, पैरों में बेड़ियां और कमर के चारों ओर जंजीर लिपटी हुई है।
विशेषज्ञों के अनुसार, इस तरह का व्यवहार अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हाई-प्रोफाइल आतंकवादियों के साथ किया जाता है ताकि वे भाग न सकें या किसी प्रकार की हिंसा न कर सकें।
Tahawwur Rana कौन है?
- राणा एक पाकिस्तानी मूल का अमेरिकी नागरिक है।
- वह पेशे से डॉक्टर था लेकिन बाद में आतंकवादी गतिविधियों से जुड़ा।
- उस पर आरोप है कि उसने डेविड हेडली की मदद से 26/11 हमले की साजिश रचने में सहयोग दिया।
- वह पहले से अमेरिका में सजा काट चुका है और भारत में मुकदमा चलना बाकी है।
भारत में अब क्या होगा?
NIA ने राणा को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है। राणा से जुड़ी कई कड़ियां अभी तक स्पष्ट नहीं हुई हैं, और माना जा रहा है कि वह 26/11 की योजना से लेकर पाकिस्तान की ISI के संपर्कों तक की अहम जानकारियां दे सकता है।
इसके अलावा, राणा पर धोखाधड़ी, फर्जी दस्तावेजों के जरिए वीजा दिलवाना, और आतंकी फंडिंग जैसे कई गंभीर आरोप भी हैं।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्या है प्रतिक्रिया?
इस प्रत्यर्पण को भारत की बड़ी कूटनीतिक जीत माना जा रहा है। अमेरिका के सहयोग से भारत को यह मजबूत संदेश मिला है कि आतंकियों के खिलाफ बॉर्डर पार कर भी न्याय सुनिश्चित किया जा सकता है।
इसके साथ ही, पाकिस्तान पर भी एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ सकता है, क्योंकि Tahawwur Rana के बयान ISI और लश्कर-ए-तैयबा की भूमिका को उजागर कर सकते हैं।
सोशल मीडिया पर लोगों की प्रतिक्रिया
तस्वीर सामने आने के बाद ट्विटर और फेसबुक पर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिलीं:
“जैसे कसाब को सजा मिली, राणा को भी मिलनी चाहिए।”
“ये जंजीरें उन मासूमों के खून का जवाब हैं जो 26/11 में मारे गए।”
“भारत को ऐसे सभी आतंकियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।”
Tahawwur Rana का भारत आना और वह भी इस हालत में आना, देश के लिए न्याय की दिशा में एक बड़ा कदम है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि NIA इस पूरे मामले को किस तरह आगे बढ़ाती है और राणा से क्या-क्या अहम जानकारी निकलकर आती है।