अमेरिका में ताइवानी मंत्री की चेतावनी
वॉशिंगटन: वॉशिंगटन में ताइवान(Taiwan) के शीर्ष नेता चिउ चुई-चेंग ने दावा किया है कि चीन ताइवान पर कब्जा करने के लिए सक्रिय रूप से युद्ध की तैयारी कर रहा है। उन्होंने कहा कि अगर बीजिंग(Beijing) सफल होता है तो इसका असर सिर्फ ताइवान तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि एशिया-प्रशांत क्षेत्र और अमेरिका(USA) की सुरक्षा पर भी गहरा प्रभाव डालेगा। उनका कहना है कि चीन का उद्देश्य अमेरिका के प्रभाव को कमजोर करना और उसे वैश्विक नेतृत्व से पीछे धकेलना है।
चीन की रणनीति और ताइवान की भूमिका
चिउ ने हेरिटेज फाउंडेशन में दिए बयान में कहा कि चीनी सेना की गतिविधियां लगातार बढ़ रही हैं और बीजिंग युद्ध की दिशा में कदम बढ़ा रहा है। उन्होंने चेतावनी दी कि ताइवान पर कब्जा क्षेत्रीय शक्ति संतुलन को कमजोर करेगा और अमेरिका को सीधा सुरक्षा खतरा उत्पन्न करेगा। इस बीच चीन ने अपने विमानवाहक पोत फुजुयान को ताइवान जलडमरूमध्य से गुजारते हुए शक्ति प्रदर्शन किया है, जिसने ताइवान और अमेरिका दोनों की चिंता बढ़ा दी है। अमेरिका लंबे समय से ताइवान का प्रमुख हथियार आपूर्तिकर्ता और अंतरराष्ट्रीय सहयोगी रहा है।
ताइवान(Taiwan) का महत्व केवल भू-राजनीति तक सीमित नहीं है। यह देश अत्याधुनिक कंप्यूटर चिप्स का दुनिया का सबसे बड़ा उत्पादक है और वैश्विक उच्च-तकनीकी उद्योग का केंद्र माना जाता है। अगर यहां अस्थिरता होती है तो अंतरराष्ट्रीय बाजारों और तकनीकी उद्योगों को भारी नुकसान उठाना पड़ेगा, जिससे अमेरिका और उसके सहयोगी देशों पर सीधा असर होगा।
ताइवान की कूटनीति और अंतरराष्ट्रीय चिंता
Taiwan सरकार ने स्पष्ट किया है कि बीजिंग के संप्रभुता संबंधी दावों को स्वीकार नहीं किया जाएगा और केवल ताइवानी लोग ही अपना भविष्य तय करेंगे। अमेरिकी सहयोगियों की यात्राओं के बीच वरिष्ठ ताइवानी अधिकारियों का अमेरिका दौरा दुर्लभ माना जाता है, इसलिए चिउ का यह बयान और मुलाकात काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर तनाव बढ़ा तो यह एशिया-प्रशांत क्षेत्र की स्थिरता को गहराई से प्रभावित करेगा। साथ ही, अमेरिकी सुरक्षा व्यवस्था पर दबाव और निवेशकों के लिए अनिश्चितता बढ़ सकती है। हालांकि, अमेरिका अभी तक ताइवान को समर्थन देने के अपने रुख पर कायम है।
चीन के युद्ध की तैयारी से अमेरिका को क्या खतरा है?
चीन का ताइवान पर कब्जा एशिया-प्रशांत क्षेत्र में अमेरिकी प्रभाव को कम कर देगा। साथ ही, यह अमेरिकी सुरक्षा और उसके सहयोगी देशों की रक्षा प्रणाली के लिए गंभीर चुनौती बन सकता है।
ताइवान वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए क्यों अहम है?
ताइवान अत्याधुनिक सेमीकंडक्टर और कंप्यूटर चिप्स का अग्रणी उत्पादक है। यहां किसी भी तरह की अस्थिरता वैश्विक तकनीकी उद्योग को प्रभावित करेगी और अमेरिका सहित कई देशों की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचा सकती है।
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