Tanda Gold Smuggling Case रामपुर के टांडा कस्बे के सात युवक जब सऊदी अरब और दुबई से लौटे और मुरादाबाद के रास्ते अपने गृह जा रहे थे, तभी दिल्ली-लखनऊ हाईवे-9 पर उन्हें अगवा कर लिया गया। खुद को छानबीन एजेंसी का अधिकारी बताकर बदमाशों ने उनकी कार रोकी और फिर सभी को दो गाड़ियों में बैठाकर एक बगीचे में ले गए।
एक युवक के भागने से खुला मामला, पुलिस ने की मुठभेड़
अपहरण किए गए युवकों में से एक किसी तरह बदमाशों के चंगुल से छूट गया और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए बदमाशों को चारों ओर से घेर लिया। मुठभेड़ के दौरान दो बदमाश जख्मी होकर गिरफ्तार हुए, जिनकी पहचान तौफीक और रज़ा के रूप में हुई। बाकी साथी फरार हैं।
सोने की तस्करी का शक, पुलिस की सख्ती बढ़ी
Tanda Gold Smuggling Case: पुलिस को शक है कि ये युवक सोने की तस्करी से जुड़े हो सकते हैं। इसी कारण अब उनके शरीर का सिटी स्कैन और एक्स-रे कराने की शीघ्रता की जा रही है ताकि यह पता चल सके कि कहीं उन्होंने पेट में सोना तो नहीं छुपा रखा।
टांडा पहले भी रहा है तस्करी के मामलों में चर्चित
टांडा कस्बा पहले भी गोल्ड स्मगलिंग के कई मामलों में बातचीत में रहा है।
- 2020 में एक युवक की मृत्यु पेट में सोना छुपाने की वजह से हुई थी।
- 2023 में 5 युवकों के अपहरण से तस्करी रैकेट का खुलासा हुआ था।
- हाल ही में टांडा निवासी शहजाद को जासूसी और तस्करी के इलजाम में यूपी एटीएस ने गिरफ्तार किया था।
पुलिस ने जब्त की तीन कारें, जांच तेज
पुलिस ने बदमाशों के पास से दो कारें बुलेरो और स्विफ्ट डिजायर जब्त की हैं। वहीं, अपहृत युवकों की कार भी पुलिस को मिल गई है। सभी सात युवक टांडा के ही रहने वाले बताए जा रहे हैं:
- मोहम्मद नावेद
- जाहिद अली
- अजहरुद्दीन
- जुल्फेकार
- शाने आलम
- मुतालिफ
- और ड्राइवर जुल्फेकार पुत्र अजीमुद्दीन