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Tariff: चीन पर टैरिफ को लेकर जेडी वेंस ने संदेह जताया

Dhanarekha
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Tariff: चीन पर टैरिफ को लेकर जेडी वेंस ने संदेह जताया

वॉशिंगटन: अमेरिका(America) के उपराष्ट्रपति जेडी वेंस(JD Vance) ने चीन पर अतिरिक्त टैरिफ(Tariff) लगाने को लेकर संदेह जताया है। उन्होंने फॉक्स न्यूज को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि चीन पर टैरिफ लगाना मुश्किल और नुकसानदेह हो सकता है।

वेंस ने बताया कि इस मुद्दे पर अभी विचार चल रहा है, लेकिन कोई अंतिम फैसला नहीं लिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि चीन के साथ संबंध केवल तेल तक सीमित नहीं हैं, बल्कि अन्य कई मामलों को भी प्रभावित करते हैं, जिससे यह मामला जटिल हो जाता है।

अमेरिका ने फिलहाल चीन पर 30% टैरिफ लगाया हुआ है, जिसकी समय सीमा 12 अगस्त को समाप्त हो रही है।

चीन और रूस का तेल व्यापार

उपराष्ट्रपति का यह बयान ऐसे समय में आया है जब जुलाई में चीन ने रूस से 10 अरब डॉलर से ज्यादा का तेल खरीदा है। हालांकि, इस साल की कुल खरीद पिछले साल की तुलना में 7.7% कम है।

चीन ने रूस से तेल खरीदने के अपने फैसले का बचाव करते हुए इसे अपना कानूनी अधिकार बताया है और कहा है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के अनुसार ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करेगा।

ट्रम्प के वरिष्ठ सलाहकार पीटर नवारो ने भी पहले यह संकेत दिया था कि चीन पर और अधिक टैरिफ लगने की संभावना कम है और ऐसा करने से अमेरिका को भी नुकसान हो सकता है।

भारत और रूस पर टैरिफ की घोषणा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने पिछले सप्ताह रूस से तेल खरीदने के कारण भारत पर 25% का अतिरिक्त टैरिफ लगाने का ऐलान किया था। इससे भारत पर कुल टैरिफ 50% हो गया है, जो 27 अगस्त से लागू होगा। भारत ने इस फैसले की कड़ी निंदा करते हुए इसे अनुचित बताया और कहा कि उसका तेल आयात बाजार की जरूरतों के हिसाब से तय होता है।

ट्रम्प ने जुलाई में रूस को भी धमकी दी थी कि अगर वह 50 दिनों के भीतर यूक्रेन के साथ शांति समझौता नहीं करता है, तो उस पर 100% टैरिफ लगाया जाएगा। साथ ही, रूस से तेल खरीदने वाले देशों पर भी सेकेंडरी टैरिफ लगाने की बात कही गई थी।

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BRICS देशों पर 500% टैरिफ का प्रस्ताव

अमेरिकी सीनेट में एक प्रस्ताव लंबित है, जिसमें रूस से तेल खरीदने वाले देशों और कंपनियों पर 500% तक का टैरिफ लगाने की बात कही गई है। इस प्रस्ताव को 100 में से 80 से अधिक सीनेटरों का समर्थन मिल चुका है और सितंबर में इस पर वोटिंग होने की उम्मीद है। यदि यह पास हो जाता है, तो रूस से तेल खरीदना बहुत महंगा हो जाएगा, जिससे उसकी अर्थव्यवस्था पर गहरा असर पड़ेगा।

अमेरिका चीन पर टैरिफ क्यों लगाता है?

अमेरिका मुख्य रूप से अपने घरेलू उद्योगों की रक्षा करने, सरकारी राजस्व बढ़ाने, और व्यापार घाटे को कम करने के लिए टैरिफ लगाता है। इसके अलावा, टैरिफ का उपयोग अन्य देशों पर दबाव बनाने या जवाबी कार्रवाई के लिए भी किया जाता है।

चीन पर टैरिफ लगाने के मामले में अमेरिका को किन समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है?

अमेरिका को चीन पर और टैरिफ(Tariff) लगाने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। सबसे महत्वपूर्ण कारण यह है कि अमेरिका दुर्लभ पृथ्वी खनिजों और तकनीकी उत्पादों के लिए काफी हद तक चीन पर निर्भर है। यदि अमेरिका टैरिफ(Tariff) बढ़ाता है, तो चीन जवाबी कार्रवाई में इन खनिजों और उत्पादों की आपूर्ति रोक सकता है, जिससे अमेरिका के सैन्य और तकनीकी उद्योगों को भारी नुकसान हो सकता है।

चीन पर वर्तमान में अमेरिका ने कितना टैरिफ लगाया हुआ है और इसकी समय सीमा क्या है?

अमेरिका ने चीन पर वर्तमान में 30% का टैरिफ लगाया हुआ है, जिसकी समय सीमा 12 अगस्त को समाप्त हो रही है। इस समय सीमा को आगे बढ़ाने पर अभी भी विचार चल रहा है।

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