Tarif Policy से हड़कंप, भारत ने कहा- जल्दबाज़ी में नहीं करेंगे व्यापार समझौता

By Anuj Kumar | Updated: July 4, 2025 • 1:30 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) ने ऐलान किया है कि जिन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार समझौता नहीं हुआ है, उनके ऊपर 1 अगस्त 2025 से भारी टैरिफ लगाया जाएगा। यह शुल्क 10% से लेकर 70% तक हो सकता है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका अपने हितों की रक्षा करेगा 

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया है कि जिन देशों के साथ अमेरिका का व्यापार समझौता (Trade Agreement) नहीं हुआ है, उनके ऊपर 1 अगस्त 2025 से भारी टैरिफ लगाया जाएगा। यह शुल्क 10% से लेकर 70% तक हो सकता है। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका (America) अपने हितों की रक्षा करेगा और यह नई नीति उसी दिशा में एक सख्त कदम है।

पहले चरण में 10 से 12 देशों को जाएगा पत्र

ट्रंप ने गुरुवार रात जानकारी दी कि शुक्रवार से 10 से 12 देशों को पत्र भेजे जाएंगे, जिनमें उन्हें उनके लिए लागू होने वाले टैरिफ की दरें बताई जाएंगी। इन पत्रों के जरिए संबंधित देशों को चेतावनी दी जाएगी कि यदि वे 9 जुलाई 2025 तक अमेरिका के साथ व्यापार समझौता नहीं करते हैं तो भारी शुल्क देना पड़ेगा।

कई देश टेंशन में– 

डोनाल्ड ट्रंप की इस नई नीति से उन देशों में बेचैनी बढ़ गई है जो अमेरिका के बाजार पर निर्यात के लिए निर्भर हैं। टैरिफ बढ़ने से उनकी अर्थव्यवस्था पर बड़ा असर पड़ सकता है, खासतौर पर छोटे और मध्यम आकार के निर्यातकों पर।

अब तक ब्रिटेन और वियतनाम से हुए समझौते

अभी तक अमेरिका ने केवल ब्रिटेन और वियतनाम के साथ व्यापार समझौते किए हैं। वहीं चीन के साथ एक अस्थायी युद्ध विराम लागू है जिसके तहत दोनों देश एक-दूसरे पर लगे टैरिफों को कुछ समय के लिए टाल चुके हैं। लेकिन यह स्थायी समझौता नहीं है।

भारत और अमेरिका के बीच चल रही बातचीत

भारत और अमेरिका के बीच अब तक कोई औपचारिक व्यापार समझौता नहीं हुआ है। एक भारतीय प्रतिनिधिमंडल इस समय अमेरिका में बातचीत कर रहा है। अमेरिका चाहता है कि भारत जल्दी समझौता करे लेकिन भारत जल्दबाज़ी में कोई फैसला नहीं लेना चाहता।

क्या चाहता है अमेरिका?

अमेरिका भारत से खाद्य, कृषि, डिजिटल व्यापार, सीमा शुल्क, बौद्धिक संपदा अधिकार और सरकारी खरीद जैसे क्षेत्रों को समझौते में शामिल करने की मांग कर रहा है। लेकिन भारत इस पर सहमत नहीं है, खासकर कृषि क्षेत्र को खोलने के मामले में।

भारत की मांगें भी साफ

भारत की ओर से भी कुछ प्रमुख मांगें रखी गई हैं:

भारत का मानना है कि व्यापार समझौता संतुलित और सभी क्षेत्रों को ध्यान में रखते हुए होना चाहिए।

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