जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए भीषण आतंकी आक्रमण ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। इस दर्दनाक हादसा से आहत पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के एक विज्ञान शिक्षक साबिर हुसैन ने इस्लाम धर्म छोड़ने का ऐलान किया है।
क्यों लिया साबिर हुसैन ने इतना बड़ा फैसला?
साबिर हुसैन, जो निर्माण आदर्श विद्यापीठ में विज्ञान के शिक्षक हैं, ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट कर अपने निर्णय की घोषणा की। उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकियों द्वारा धर्म पूछकर निर्दोष लोगों की कत्ल करना उन्हें अंदर से झकझोर गया। एक शिक्षक और संवेदनशील नागरिक के नाते उन्होंने खुद से सवाल किया और फिर यह गंभीर फैसला लिया।
क्या बोले साबिर हुसैन?
साबिर ने साफ कहा, “मैं किसी दबाव में नहीं हूं। यह मेरा स्वतंत्र और निजी फैसला है। मैं किसी भी धर्म का अपमान नहीं कर रहा हूं। मैं बस अब खुद को सिर्फ एक इंसान के रूप में पहचानना चाहता हूं, न कि किसी धर्म विशेष के आधार पर।”

अदालत में दाखिल किया आवेदन
अपने निर्णय को वैधानिक बनाने के लिए साबिर हुसैन ने न्यायालय में भी अर्जी किया है। उन्होंने बताया कि धर्म के नाम पर बढ़ती हिंसा और कट्टरता से वे बेहद आहत हैं और अब धर्मनिरपेक्ष जीवन जीना चाहते हैं।
कुटुंब को दी स्वतंत्रता
साबिर ने कहा कि उनकी पत्नी और बच्चों को भी अपने रास्ते चुनने की पूरी आजादी है। वे अपने निर्णय किसी पर थोपना नहीं चाहते। उनका कहना है कि हर व्यक्ति को अपनी आस्था और विश्वास का चुनाव स्वतंत्र रूप से करना चाहिए।
देश में बढ़ती धार्मिक हिंसा पर चिंता
साबिर हुसैन ने कहा कि आज के समय में हर चीज धर्म के चश्मे से देखी जा रही है, जो कि एक खतरनाक प्रवृत्ति है। उन्होंने कहा, “मजहब के नाम पर हिंसा फैलाना इंसानियत के विरुद्ध है और मैं अब ऐसी दुनिया का हिस्सा नहीं बनना चाहता, जहां धर्म सबसे ऊपर हो।”