बीच ट्रैक पर रुक गई मोनोरेल, 17 यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया
Mumbai : अचानक बीच रास्ते में रुक गई मोनोरेल- सोमवार सुबह मुंबई (Mumbai) में हो रही भारी बारिश के दौरान एक मोनोरेल तकनीकी खराबी के चलते बीच ट्रैक पर अचानक रुक गई। यह घटना लोगों में घबराहट का कारण बनी।
महाराष्ट्र में बारिश (Rain) मुसीबत बनकर बरस रही है. प्रदेश के कई क्षेत्रों में रविवार देर रात से बारिश हो रही है. मुंबई में भारी बारिश के कारण शहर के कई भागों में पानी भर गया है. इसी बीच मुंबई के वडाला इलाके में आज एक मोनोरेल रुक गई. तकनीकी खराबी के कारण मोनोरेल रुक गई. इस घटना से यात्रियों में अफरा-तफरी मच गई. इसके बाद दमकल विभाग की टीम मौके पर पहुंची।
फिर राहत का काम शुरू किया गया. जो यात्री मोनोरेल में फंसे थे, उनको उसमें से निकालकर चेंबूर से आ रही दूसरी मोनोरेल में बैठाया गया. मोनोरेल कॉर्पोरेशन ने सप्लाई में गड़बड़ी आ जाने से ये समस्या होने की बात बताई, जिसकी जांच की जा रही है. एमएमआरडीए के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि वडाला में मोनोरेल में तकनीकी खराबी के बाद 17 यात्रियों को सुरक्षित निकाल लिया गया है।
RPI के पार्षद ने क्या कहा?
एमएमआरडीए के जनसंपर्क अधिकारी ने बताया कि यात्रियों को सुबह 7:45 बजे सुरक्षित निकाल लिया गया. वहीं, घटना पर प्रतिक्रिया देते हुए रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (अठावले) के वार्ड 175 के पार्षद राजेश आनंद भोजने ने बताया कि वडाला जाने वाली ट्रेन रुक गई. इसके बाद यात्रियों को चेंबूर से आने वाली ट्रेन में ट्रांसफर कर दिया गया.
लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है
राजेश आनंद भोजने ने बताया कि बाद में दमकल विभाग आया और अपना काम शुरू किया. मोनोरेल के अधिकारी कह रहे हैं कि यह सप्लाई की समस्या थी. समस्या दूर कर दी गई है. मैं सरकार से इस बार-बार होने वाली समस्या का समाधान करने का आग्रह करता हूं क्योंकि हमेशा लोग मोनोरेल से आते जाते हैं. अगर रेल बंद हो जाती है, तो लोगों को परेशानी उठानी पड़ती है।
बता दें कि फिलहाल मोनोरेल सेवाओं पर आंशिक रूप से प्रभाव पड़ा. अधिकारियों ने जल्द ही सेवाओं को सामान्य कर दिए जाने की बात कही है।
मुंबई में बारिश क्यों होती है?
अरब सागर में बने कम दबाव वाले क्षेत्र और अन्य मौसमी प्रणालियां मानसूनी हवाओं को और तेज कर देती हैं, जिससे मुंबई में मूसलाधार बारिश होती है।
मुंबई में कितने महीने बारिश होती है?
आर्द्र ऋतु मार्च एवं अक्टूबर के बीच आती है। इसका मुख्य लक्षण है उच्च आर्द्रता व तापमन लगभग 30 °से. (86 °फ़ै) से भी अधिक। जून से सितंबर के बीच मानसून वर्षाएं नगर भिगोतीं हैं, जिससे मुंबई का वार्षिक वर्षा स्तर 2,200 मिलीमीटर (86.6 इंच) तक पहुँचता है।
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