Tejpratap Yadav अब बनेंगे पायलट, इंटरव्यू पास कर उड़ाएंगे हवाई जहाज
Tejpratap Yadav, बिहार की राजनीति में हमेशा अलग छवि के लिए जाने जाते हैं। कभी कृष्ण के रूप में तो कभी पर्यावरण प्रेमी के तौर पर। अब उन्होंने एक और नया कदम उठाया है—पायलट बनने का सपना। उन्होंने इंटरव्यू क्लियर कर लिया है और अब जल्द ही फ्लाइंग ट्रेनिंग शुरू करेंगे।
राजनीति से अलग उड़ानों की दुनिया में कदम
तेजप्रताप यादव का यह फैसला चौंकाने वाला जरूर है लेकिन उनकी अलग सोच और व्यक्तिगत पहचान को भी दर्शाता है।
- उन्होंने हाल ही में एक निजी एविएशन अकादमी का पायलट एंट्रेंस इंटरव्यू पास कर लिया है।
- अगले चरण में वे फ्लाइंग ट्रेनिंग के लिए चयनित किए गए हैं।
- उनकी यह ट्रेनिंग भारत या विदेश में हो सकती है।

Tejpratap Yadav का पायलट बनने का सपना
तेजप्रताप ने अपने एक पुराने बयान में कहा था कि उन्हें हवाई जहाज उड़ाने का सपना बचपन से है।
- वे लंबे समय से एविएशन में करियर बनाने का सोच रहे थे।
- राजनीति में सक्रिय रहते हुए भी उन्होंने अपने शौक को पीछे नहीं छोड़ा।
- अब वे इसे एक प्रोफेशनल करियर के रूप में अपनाना चाहते हैं।
परिवार की प्रतिक्रिया
- तेजप्रताप के पायलट बनने के फैसले पर लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी ने खुशी जताई।
- परिवार का मानना है कि यह कदम तेजप्रताप को नई दिशा और आत्मनिर्भरता देगा।
- पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए भी यह खबर प्रेरणादायक बनी हुई है।
राजनीति और उड़ान: क्या होगा संतुलन?
सवाल यह भी उठ रहा है कि क्या तेजप्रताप यादव अब राजनीति छोड़ देंगे? फिलहाल:
- उन्होंने ऐसा कोई संकेत नहीं दिया है कि वह राजनीति से हटेंगे।
- संभव है कि वे दोनों क्षेत्रों को संतुलित रूप से निभाएं।
- एक तरफ नेता की भूमिका, दूसरी तरफ पायलट की ट्रेनिंग — यह अनूठा कॉम्बिनेशन होगा।

तेजप्रताप की छवि में नया अध्याय
Tejpratap Yadav की अब तक की छवि काफी रंगीन रही है। वे:
- कभी शिवभक्त बनकर कांवड़ यात्रा पर निकलते हैं,
- कभी कृष्ण का रूप धारण करते हैं,
- तो अब पायलट के तौर पर उड़ान भरने की तैयारी में हैं।
यह उनकी पर्सनैलिटी का वह पक्ष है, जो उन्हें बाकी नेताओं से अलग करता है।
आसमान की ओर तेजप्रताप की नई उड़ान
Tejpratap Yadav का पायलट बनने का निर्णय न केवल उनके व्यक्तिगत विकास का प्रतीक है, बल्कि यह बताता है कि एक राजनेता भी अपने सपनों को पूरा कर सकता है। यह कदम उन्हें नई पहचान दिलाएगा और बिहार की राजनीति में एक नई बहस को जन्म देगा।