लंबित बिलों का भुगतान करने में विफल रहती है तो …
हैदराबाद। छोटे बजट के ठेकेदारों ने धमकी दी है कि यदि राज्य सरकार ‘माना ऊरु-माना बड़ी’ [‘Mana Ooru-Mana Badi‘] कार्यों से संबंधित उनके लंबित बिलों का भुगतान करने में विफल रहती है तो वे सरकारी और स्थानीय निकाय स्कूलों को ताला लगा देंगे। राज्य भर से बड़ी संख्या में ठेकेदारों ने हैदराबाद स्थित स्कूल शिक्षा निदेशालय (Directorate of School Education) पर विरोध प्रदर्शन में भाग लिया और बिलों के भुगतान के लिए 15 दिन का अल्टीमेटम जारी किया। प्रदर्शनकारियों के अनुसार, सरकार ‘अम्मा आदर्श पाठशालाओं’ के बिल तो चुका रही है, लेकिन ‘माना ऊरु-माना बड़ी’ के बिल पिछले कई महीनों से लंबित रखे हुए है। उन्होंने बताया कि 1,000 करोड़ रुपये के काम पूरे हो चुके हैं, लेकिन 300 करोड़ रुपये के बिल पहले ही बन चुके हैं।
अगले दिन हम उन स्कूलों में तालाबंदी कर देंगे
कथित पक्षपात की आलोचना करते हुए, ठेकेदारों ने अफसोस जताया कि सरकार के पास बड़े ठेकेदारों के लिए आसानी से धन उपलब्ध है, जैसे कि बड़ी परियोजनाएं संभालने वाले ठेकेदारों के लिए, लेकिन स्कूल के बुनियादी ढांचे के काम करने वाले छोटे ठेकेदारों को भुगतान करने में विफल रही। वारंगल के एक ठेकेदार, अजमेरा जवाहरलाल ने कहा कि अगर राज्य सरकार 15 दिनों में बिलों का भुगतान नहीं करती है, तो अगले दिन हम उन स्कूलों में तालाबंदी कर देंगे जहाँ बिल बकाया हैं। हम शिक्षकों और छात्रों को स्कूल में प्रवेश नहीं देंगे। हम अपने परिवार के सदस्यों के साथ स्कूलों में विरोध प्रदर्शन करेंगे।
1,000 से ज़्यादा छोटे बजट के ठेकेदारों ने इन स्कूलों में किए विकास कार्य
हमने स्कूल शिक्षा निदेशक डॉ. नवीन निकोलस को एक ज्ञापन दिया है। पिछली बीआरएस सरकार ने तेलंगाना के 9,000 सरकारी और स्थानीय निकाय स्कूलों में ‘माना ऊरु-माना बड़ी’ कार्यक्रम शुरू किया था। 1,000 से ज़्यादा छोटे बजट के ठेकेदारों ने इन स्कूलों में विकास कार्य किए। सरकारों के बीच संक्रमण काल में कुछ परियोजनाएँ पूरी तो हुईं, लेकिन कई अधूरी ही रहीं। कांग्रेस सरकार आने के बाद भी, कई ठेकेदारों ने इस उम्मीद में लंबित काम पूरे किए कि नई सरकार उनके बिलों का भुगतान कर देगी। लेकिन पिछले कई महीनों से बिल लंबित होने के कारण वे अधर में लटके हुए हैं।

तेलंगाना राज्य में कितने सरकारी स्कूल हैं?
2023–24 के डेटा के अनुसार, तेलंगाना में कुल 41,901 स्कूलों में से 30,022 (लगभग 70%) सरकारी हैं। इनमें से लगभग 1,213 स्कूलों में कोई नामांकन नहीं है और करीब 5,821 एक‑शिक्षक स्कूल हैं।
तेलंगाना में हिंदुओं की आबादी कितनी है?
2011 की जनगणना के अनुसार, तेलंगाना की कुल जनसंख्या का लगभग 85 % हिंदू धर्मावलम्बी हैं, जो लगभग 2.99 करोड़ लोगों के बराबर है।
तेलंगाना में शिक्षा प्रणाली क्या है?
तेलंगाना में आधारभूत शिक्षा “10+2” संरचना पर आधारित है। कक्षा 1–10 के लिए राज्य बोर्ड शैक्षणिक विभाग जिम्मेदार है, उसके बाद दो‑वर्ष का इंटरमीडिएट (कक्षा 11–12) बोर्ड संचालित होता है। प्राथमिक, माध्यमिक, इंटरमीडिएट शिक्षा के बाद कई विश्वविद्यालय एवं तकनीकी संस्थान हैं। तरीके में CESE, NEP 2020 जैसे सुधार शामिल हैं और डिजिटल शिक्षण, जूनियर कॉलेज व पीटीआर पर जोर दिया गया है।
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