ओआरआर क्षेत्रों में बनाए जाएंगे 39 नए एसटीपी
हैदराबाद। हैदराबाद महानगर जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड ने शहर की 100 प्रतिशत सीवरेज ट्रीटमेंट (Sewerage Treatment) क्षमता हासिल करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को साकार करने की दिशा में प्रयास तेज़ कर दिए हैं। पूर्व शहरी विकास एवं शहरी विकास मंत्री, के.टी. रामा राव (KTR) ने हैदराबाद को भारत का पहला ऐसा शहर बनाने का सपना देखा था जो 100% सीवरेज ट्रीटमेंट क्षमता हासिल कर ले। जल बोर्ड आउटर रिंग रोड (ओआरआर) के क्षेत्रों में 39 नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) बनाने का प्रयास कर रहा है, जिसका प्रस्ताव पिछली बीआरएस सरकार के दौरान रखा गया था। नई आवासीय कॉलोनियों, ऊँची इमारतों वाले अपार्टमेंट, विला और ग्रुप हाउसिंग योजनाओं के उभरने से उत्पन्न सीवरेज की समस्या के समाधान की मांग ओआरआर क्षेत्रों से उठ रही है। इन कॉलोनियों के कई प्रतिनिधियों ने भी सीवरेज समस्या के समाधान के लिए एचएमडब्ल्यूएस एंड एसबी से गुहार लगाई है।
नए प्रस्तावित 39 एसटीपी यूएलबी में बनाए जा रहे
एचएमडब्ल्यूएस एंड एसबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, ‘नए प्रस्तावित 39 एसटीपी सात शहरी स्थानीय निकायों (यूएलबी) में बनाए जा रहे हैं, जिनमें 12 नगरपालिकाएँ शामिल हैं। इन 39 एसटीपी की क्षमता 972 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) है, और इनके निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण का काम पहले से ही तेज़ गति से चल रहा है। जल्द ही, काम शुरू करने के लिए आधारशिला रखी जाएगी।’ जिन क्षेत्रों में नए एसटीपी बनाए जाएंगे उनमें अमीनपुर, आईसीआरआईएसएटी, नेरेला (तेलापुर), गौड़ावल्ली, पीरजादीगुडा, कुंटलूर, मीरपेट तालाब, रविर्याल, कोथवालगुडा, चित्रपुरी कॉलोनी, हैदरशाहकोट और पटेल चेरुवु शामिल हैं।
पिछले कुछ वर्षों से मिल रहा है पीने योग्य पानी
अधिकारी ने बताया कि पिछली बीआरएस सरकार ने 3,866 करोड़ रुपये के निवेश से 1,259.50 एमएलडी क्षमता वाले 31 एसटीपी प्रस्तावित किए थे, और उनमें से अधिकांश चालू भी हो गए थे। प्रस्तावित क्षेत्रों में पिछले कुछ वर्षों से पीने योग्य पानी मिल रहा है, और जल बोर्ड कृष्णा और गोदावरी नदियों का पानी बारी-बारी से दे रहा है। अधिकारी ने स्वीकार किया कि अब सीवरेज की समस्या का भी समाधान हो जाएगा। इस बीच, जल बोर्ड इस महीने के अंत तक नल्लागंदला (7 एमएलडी), मुल्लाकाथुवा चेरुवु (25 एमएलडी), शिवालयनगर (14 एमएलडी), पलापिट्टा पार्क (7 एमएलडी), अट्टापुर -1 (64 एमएलडी) और अंबरपेट (212.5 एमएलडी) में पांच नए एसटीपी चालू करने की तैयारी कर रहा है।
सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट क्या होता है?
STP वह प्रणाली होती है जहां घरेलू, औद्योगिक और अन्य अपशिष्ट जल को साफ कर उसे दोबारा उपयोग योग्य या पर्यावरण के अनुकूल बनाया जाता है। इसमें ठोस कचरा हटाना, जीवाणु नाश और जल की गुणवत्ता सुधारना मुख्य उद्देश्य होता है।
सीवेज ट्रीटमेंट के 3 प्रकार क्या हैं?
तीन प्रमुख प्रकार हैं: प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक उपचार। प्राथमिक में ठोस अपशिष्ट हटाए जाते हैं, द्वितीयक में जैविक तत्वों को बैक्टीरिया से नष्ट किया जाता है, और तृतीयक उपचार में जल को रासायनिक रूप से शुद्ध कर पुनः उपयोग योग्य बनाया जाता है।
सीवरेज वाटर क्या होता है?
सीवरेज वाटर वह गंदा जल होता है जो घरों, फैक्ट्रियों, शौचालयों और रसोई आदि से निकलता है। इसमें मल-मूत्र, तेल, रसायन और अन्य अपशिष्ट शामिल होते हैं। इसे उपचारित किए बिना नदियों या ज़मीन में छोड़ना पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है।
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