राज्य में कई सरकारी स्कूलों के बंद के मुद्दे पर मंगलवार को तेलंगाना विधानसभा में बीआरएस और कांग्रेस ने एक-दूसरे पर आरोप लगाए। बीआरएस ने छात्रों के दाखिले में भारी गिरावट और गुरुकुल स्कूलों की खराब स्थिति के लिए कांग्रेस सरकार को जिम्मेदार ठहराया।
कांग्रेस अपने वादे को पूरा करने में विफल
विधानसभा में राज्य के बजट पर बहस में भाग लेते हुए पूर्व मंत्री और वरिष्ठ बीआरएस विधायक पी. सबिता इंद्रा रेड्डी ने स्कूल मुद्दे को उठाया। पिछली सरकार के दौरान बंद किए गए स्कूलों को फिर से खोलने के अपने वादे को पूरा करने में कांग्रेस सरकार की विफलता पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने बार-बार बीआरएस पर 6,000 स्कूलों को बंद करने का आरोप लगाया।लेकिन उसने खुद 1,913 स्कूलों को शून्य नामांकन और 400 अन्य को शिक्षकों की कमी के कारण बंद कर दिया है।,
कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद स्थिति और बदतर”
सबिता इंद्रा रेड्डी यह स्पष्ट करने की मांग की कि कांग्रेस के सत्ता में आने के बाद कितने स्कूल फिर से खोले गए। उन्होंने यह भी बताया कि नीतिगत आदेश के बावजूद 257 ग्राम पंचायतों में सरकारी स्कूल नहीं हैं। छात्रों के नामांकन में गिरावट पर चिंता जताई। उन्होंने सरकार के अपने सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण का हवाला दिय।, शिक्षक भर्ती के बारे में चिंता जताते हुए सबिता इंद्र रेड्डी ने 25,000 रिक्तियों के पहले के दावों के बावजूद केवल 11,000 शिक्षक पदों के लिए अधिसूचना जारी करने के लिए सरकार की आलोचना की।
क्या रेवंत रेड्डी कोडंगल के मुख्यमंत्री है
सबिता इंद्रा रेड्डी ने अधूरे वादों को लेकर मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी पर कटाक्ष किया और उनके बयान को याद किया। रेवंत रेड्डी ने कहा था कि वे कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय के शिक्षकों की समस्याओं को चाय की चुस्की लेने में लगने वाले समय में हल कर देंगे। उन्होंने कहा, “मुझे आश्चर्य है कि क्या मुख्यमंत्री ने चाय पीना बंद कर दिया है।” उन्होंने यह भी याद दिलाया कि रेवंत रेड्डी केवल अपने कोडंगल निर्वाचन क्षेत्र के मुख्यमंत्री नहीं हैं, बल्कि तेलंगाना के भी मुख्यमंत्री हैं।
रेवंत रेड्डी अपनेनिर्वाचन क्षेत्र को दे रहे हैं तरजीह
गजवेल, सिरसिला और सिद्दीपेट के विकास पर कांग्रेस के आरोपों का हवाला दिया। उन्होंने कहा कि रेवंत रेड्डी ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में विद्या स्वयंसेवकों की भर्ती की, लेकिन राज्य के बाकी हिस्सों की अनदेखी की। विधायी मामलों के मंत्री डी श्रीधर बाबू ने अपनी सरकार का बचाव करते हुए कहा कि शिक्षा और स्वास्थ्य सर्वोच्च प्राथमिकता बने हुए हैं। उन्होंने कहा, “हमने बीआरएस के तहत बंद किए गए 79 स्कूलों को पहले ही फिर से खोल दिया है,।लेकिन सिस्टम को फिर से बनाने में समय लगेगा।” हालांकि, बीआरएस नेता टी हरीश राव ने श्रीधर बाबू के इस दावे को चुनौती दी कि पिछली सरकार शिक्षकों की भर्ती करने में विफल रही। उन्होंने जवाब दिया, “बीआरएस के तहत, हमने 26,000 शिक्षकों की नियुक्ति की। टीजीपीएससी के माध्यम से 8,000 और गुरुकुल स्कूलों के लिए 18,000।” उन्होंने कहा कि मंत्री कांग्रेस शासन के तहत स्कूल बंद होने के मुद्दे से बच रहे हैं।