Telangana में सितारामा प्रोजेक्ट का खंभा गिरा, निर्माण गुणवत्ता पर उठे सवाल
Telangana, अप्रैल 2025:
तेलंगाना के बहुप्रतीक्षित सितारामा प्रोजेक्ट को लेकर एक गंभीर तकनीकी चूक सामने आई है। इस महत्वाकांक्षी सिंचाई परियोजना के तहत बनाए जा रहे एक विशाल खंभे (पिलर) के अचानक गिरने से पूरे इलाके में अफरा-तफरी मच गई। हालांकि इस घटना में कोई जानमाल की हानि नहीं हुई, लेकिन इससे निर्माण की गुणवत्ता पर गहरे सवाल उठने लगे हैं।
क्या है सितारामा प्रोजेक्ट?
सितारामा लिफ्ट सिंचाई परियोजना Telangana सरकार की एक प्रमुख योजना है, जिसका उद्देश्य गोदावरी नदी के जल का उपयोग कर सूखा प्रभावित क्षेत्रों में सिंचाई की सुविधा प्रदान करना है। यह प्रोजेक्ट खम्मम और भद्राद्री कोठागुडेम जिलों में हजारों एकड़ भूमि को सिंचित करने की दिशा में एक बड़ा प्रयास माना जा रहा है।

कैसे हुआ हादसा?
हादसा रविवार की सुबह उस वक्त हुआ जब निर्माणाधीन साइट पर एक बड़ा कंक्रीट पिलर अचानक जमीन पर गिर गया। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, खंभे में पहले से दरारें दिखाई दे रही थीं, जिसे समय रहते ठीक नहीं किया गया।
एक मजदूर ने बताया:
“हमने सुपरवाइज़र को चेतावनी दी थी कि खंभे में कंपन महसूस हो रही है, लेकिन इसे अनदेखा कर दिया गया।”
जांच के आदेश
घटना के तुरंत बाद Telangana जल संसाधन विभाग ने पूरे मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं। अधिकारियों का कहना है कि यह हादसा संरचनात्मक कमजोरी या मानव लापरवाही के चलते हो सकता है।
राज्य जल संसाधन मंत्री ने बयान में कहा:
“यह एक गंभीर तकनीकी विफलता है। दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा। हम पूरी परियोजना की गुणवत्ता की फिर से जांच कराएंगे।”
निर्माण कंपनी पर सवाल
जिस निर्माण कंपनी को यह ठेका दिया गया था, उसकी पहले भी कुछ प्रोजेक्ट्स में गुणवत्ता को लेकर शिकायतें मिली थीं। अब इस घटना के बाद उसकी साख पर और बुरा असर पड़ा है।
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- परियोजना में घटिया निर्माण सामग्री का उपयोग हुआ हो सकता है।
- मापदंडों की अनदेखी की गई हो।
- साइट सुपरविजन और निरीक्षण प्रक्रिया ढीली रही।

परियोजना पर असर
सितारामा परियोजना का यह हादसा न सिर्फ निर्माण कार्यों में विलंब पैदा करेगा, बल्कि इससे सरकार की विकास योजनाओं की विश्वसनीयता पर भी असर पड़ेगा। परियोजना पहले से ही समयसीमा से पीछे चल रही थी और अब यह हादसा स्थिति को और बिगाड़ सकता है।
जनता की प्रतिक्रिया
स्थानीय लोगों में भारी असंतोष देखा जा रहा है। किसानों का कहना है कि:
“हमें भरोसा दिलाया गया था कि इस परियोजना से हमारी सिंचाई समस्याएं खत्म होंगी, लेकिन अब लग रहा है कि यह केवल कागज़ों में चल रही है।”
Telangana का सितारामा प्रोजेक्ट राज्य के जल संसाधनों के विकास की दिशा में एक अहम कदम है। लेकिन इस तरह के हादसे विकास कार्यों पर प्रश्नचिन्ह लगा देते हैं। अब समय की मांग है कि सरकार गुणवत्ता की जांच, प्रभावी निगरानी, और निर्माण प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित करे ताकि जनता का विश्वास बना रहे।