19 आरोपी ट्रेडिंग धोखाधड़ी से कनेक्ट
हैदराबाद। साइबराबाद की साइबर अपराध पुलिस ने साइबर (Cyber) ठगी के खिलाफ एक महत्वपूर्ण कार्रवाई करते हुए बीते एक सप्ताह के भीतर देश के विभिन्न राज्यों से 18 मामलों का सफलतापूर्वक खुलासा किया है। इस दौरान पुलिस ने कुल 31 साइबर अपराधियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 19 आरोपी ट्रेडिंग धोखाधड़ी से जुड़े हुए पाए गए। पुलिस ने बताया कि ये आरोपी संगठित गिरोह के रूप में ऑनलाइन (Online) धोखाधड़ी को अंजाम दे रहे थे।
न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया
गिरफ्तार किए गए 9 अपराधियों को गिरोह बनाकर धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है। इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने अपराधियों के कब्जे से दो कारें, एक लैपटॉप, 32 मोबाइल फोन, सात चेकबुक और 82,500 रुपये नकद जब्त किए। जब्त की गई वस्तुएं अपराध की गतिविधियों में उपयोग की जा रही थीं। इस एक सप्ताह की अवधि में पुलिस अधिकारियों ने 60 साइबर धोखाधड़ी मामलों में प्रभावी कार्रवाई करते हुए 283 रिफंड अनुरोधों को सफलतापूर्वक निपटाया। इसके परिणामस्वरूप पीड़ितों को कुल ₹1,20,77,214 की धनराशि वापस दिलाने के लिए अदालत से आदेश प्राप्त किए गए।
मुहिम से पीड़ितों को मिली राहत
साइबर अपराध शाखा की इस मुहिम से न केवल पीड़ितों को राहत मिली है, बल्कि यह कार्रवाई आम लोगों में जागरूकता और सुरक्षा का भाव भी पैदा कर रही है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे किसी भी तरह की ऑनलाइन धोखाधड़ी से सतर्क रहें और संदिग्ध गतिविधियों की तुरंत सूचना दें।
साइबर का मतलब क्या होता है?
कंप्यूटर, इंटरनेट, नेटवर्क, डेटा और डिजिटल दुनिया से जुड़ी सभी चीज़ों को दर्शाने वाला शब्द साइबर कहलाता है। इसका प्रयोग आमतौर पर ऐसी गतिविधियों के लिए किया जाता है जो ऑनलाइन या तकनीकी माध्यमों से संचालित होती हैं, जैसे—साइबर सुरक्षा, साइबर अपराध, आदि।
साइबर अपराध कब हुआ था?
पहला साइबर अपराध 1970 के दशक के अंत में अमेरिका में रिपोर्ट हुआ था, जब एक व्यक्ति ने बैंक के कंप्यूटर सिस्टम से छेड़छाड़ की थी। भारत में पहला प्रमुख साइबर अपराध 2001 में सामने आया था। तब से यह अपराध तकनीक के साथ तेजी से बढ़ता जा रहा है।
साइबर धोखा क्या है?
इंटरनेट या डिजिटल माध्यम से किसी व्यक्ति को धोखे से नुकसान पहुँचाना साइबर धोखा कहलाता है। इसमें फर्जी ईमेल भेजना (फिशिंग), पहचान चुराना, ऑनलाइन ठगी, नकली वेबसाइट बनाना या बैंक डिटेल चुराना शामिल है। यह साइबर अपराध का एक आम रूप है।
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