हैदराबाद: भाजपा ने तेलंगाना प्रदेश भाजपा अध्यक्ष एन रामचंदर राव की नज़रबंदी (House Arrest) की कड़ी निंदा (Condemned) की, जिससे उन्हें पार्टी द्वारा आयोजित “घर-घर तिरंगा” कार्यक्रम में भाग लेने से रोक दिया गया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने निंदा
राव को सिकंदराबाद और गोशामहल निर्वाचन क्षेत्र में कार्यक्रम में भाग लेना था, तभी पुलिसकर्मियों का एक दल उनके तरनाका स्थित आवास पर पहुँच गया और उन्हें नज़रबंद कर दिया। राव की नज़रबंदी की खबर सुनकर, दिल्ली में संसद सत्र में व्यस्त केंद्रीय गृह राज्य मंत्री बंडी संजय कुमार ने इसकी निंदा की और कांग्रेस सरकार पर जुबली हिल्स उपचुनाव में एक विशेष समुदाय के वोटों के लिए साजिश रचने का आरोप लगाया। संजय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार एक समुदाय के वोटों के लिए हिंदुओं की भावनाओं के साथ राजनीति कर रही है।
राव की गिरफ़्तारी राज्य सरकार का एक “मूर्खतापूर्ण” कृत्य
उन्होंने कहा कि राव को नज़रबंद कर दिया गया, जबकि उनका बंजारा हिल्स स्थित पेद्दम्मा मंदिर में हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित कुमकुमारचा समारोह में शामिल होने का कोई कार्यक्रम नहीं था। उन्होंने इस गिरफ़्तारी को राज्य सरकार का एक “मूर्खतापूर्ण” कृत्य बताया और सवाल किया कि हिंदुओं का पेद्दम्मा मंदिर जाना क्यों ग़लत है। एक बयान में, राज्य पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता और मीडिया प्रभारी एन वी सुभाष ने कांग्रेस सरकार के कृत्य की आलोचना की और पार्टी प्रमुख की तत्काल रिहाई की माँग की। “घर-घर तिरंगा” में भाग लेने से रोकना लोकतंत्र पर सीधा हमला है।
बीआरएस सरकार के शासनकाल में भी हमने ऐसी कई घटनाएँ देखी : बंडी संजय कुमार
उन्होंने कहा कि पिछली बीआरएस सरकार के शासनकाल में भी हमने ऐसी कई घटनाएँ देखी हैं और केसीआर सरकार ने विपक्ष को अवैध रूप से गिरफ़्तार करके उनकी आवाज़ दबाने की कोशिश की थी और कांग्रेस सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है। उन्होंने कहा कि तेलंगाना की जनता ने बीआरएस को सबक सिखाया है और उस पार्टी को नकार दिया है और आने वाले दिनों में वे रेवंत रेड्डी सरकार को भी यही सबक सिखाएँगे।
एन. रामचंदर राव कब भाजपा, तेलंगाना प्रदेश अध्यक्ष बने ?
उन्हें 1 जुलाई 2025 से भाजपा के तेलंगाना राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त किया गया, और वे इससे पहले तक इस पद के लिए एकमात्र उम्मीदवार थे।
उनका शैक्षणिक व पेशेवर जीवन सफर क्या है?
पेशे से वरिष्ठ वकील हैं। 2012 में उन्हें ‘सीनियर एडवोकेट’ का दर्जा मिला। वर्तमान में वे सुप्रीम कोर्ट, हाई कोर्ट और ट्रिब्यूनलों में केस लड़ते हैं।
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