जनता को जागरूक करने के लिए चार समर्पित परामर्श सत्र आयोजित
हैदराबाद। साइबराबाद महिला एवं बाल सुरक्षा विंग ने 28 जुलाई से 2 अगस्त के बीच चलाए गए एक सप्ताह के विशेष अभियान के दौरान महिलाओं को परेशान करने के आरोप में 47 व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया। सभी अपराधियों के खिलाफ छोटे-मोटे मामले दर्ज किए गए, तथा सुधारात्मक उपायों के तहत उन्हें अनिवार्य परामर्श सत्र में भी शामिल किया गया। इसके साथ ही, विंग को विभिन्न माध्यमों से महिलाओं से 22 शिकायतें प्राप्त हुईं, जिनका त्वरित समाधान किया गया। अपनी व्यापक निवारक रणनीति के तहत, विंग ने विभिन्न स्थानों पर 54 जागरूकता कार्यक्रम (Awareness Campaign) आयोजित किए तथा महिलाओं की सुरक्षा के बारे में जनता को जागरूक करने के लिए चार समर्पित परामर्श सत्र आयोजित किए। इसी शाखा के अंतर्गत कार्यरत परिवार परामर्श केंद्र (FCC) ने वैवाहिक विवादों से जूझ रहे 24 परिवारों को मध्यस्थता और परामर्श प्रदान किया, जिसमें सुलह और संघर्ष समाधान पर ध्यान केंद्रित किया गया।
महिला एवं बाल विकास क्या है?
केंद्र व राज्य सरकार द्वारा महिलाओं और बच्चों के पोषण, स्वास्थ्य, शिक्षा, सुरक्षा और अधिकारों की रक्षा के लिए चलाए जाने वाले कार्यक्रमों और योजनाओं को महिला एवं बाल विकास कहा जाता है। इसका उद्देश्य उनके जीवन स्तर को सुधारना और समान अवसर प्रदान करना है।
महिला एवं बाल अधिकार क्या है?
भारतीय संविधान और अंतरराष्ट्रीय संधियों के तहत महिलाओं और बच्चों को जीवन, शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्मान और सुरक्षा से जुड़े जो विशेष अधिकार मिले हैं, उन्हें महिला एवं बाल अधिकार कहा जाता है। इन अधिकारों की रक्षा के लिए कानून और आयोग भी बने हैं।
बाल सुरक्षा का अर्थ क्या होता है?
विकासशील और कमजोर स्थिति में रहने वाले बच्चों को शारीरिक, मानसिक, भावनात्मक और यौन शोषण से बचाने की प्रक्रिया को बाल सुरक्षा कहा जाता है। इसमें कानूनी संरक्षण, देखभाल, पुनर्वास और सहायता सेवाएँ शामिल होती हैं ताकि बच्चों को सुरक्षित वातावरण मिल सके।
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