हैदराबाद। पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। तेलंगाना के मुख्यमंत्री रेवंत रेड्डी ने कहा कि केसीआर ने जानलेवा चेवेल्ला परियोजना (Chevella Project) के पुनर्निर्माण के नाम पर उसमें बदलाव किए और मेदिगड्डा, अन्नाराम और सुंदिला बैराजों का निर्माण करवाया। कालेश्वरम (Kaleshwaram) परियोजना के निर्माण के तीन साल के भीतर ही मेदिगड्डा डूब गया और अन्नाराम टूट गया।
वादा था कि हम लाखों करोड़ की लागत से बने कालेश्वरम के ढहने की जाँच करवाएँगे
तेलंगाना के कई मंत्रियों के साथ मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि विशेषज्ञों ने केसीआर को एक रिपोर्ट सौंपी जिसमें बताया गया कि परियोजना, निर्माण और रखरखाव में खामियाँ थीं। हमने लोगों से वादा किया था कि सत्ता में आते ही हम लाखों करोड़ की लागत से बने कालेश्वरम के ढहने की जाँच करवाएँगे। वादे के मुताबिक, 14 मार्च 2023 को, अपार अनुभव वाले पीसी घोष को न्यायिक जाँच आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया। 16 महीने बाद, 31 जुलाई को, पीसी घोष आयोग ने सरकार को 665 पृष्ठों की एक रिपोर्ट सौंपी। रिपोर्ट का सारांश तैयार करने और उसे कैबिनेट को सौंपने के लिए तीन सदस्यों की एक समिति गठित की गई। हमने यह कर दिखाया।
पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी: मुख्यमंत्री
मुख्यमंत्री ने कहा कि कालेश्वरम, जो शहर का नाम बदलकर और अवैधताओं की नींव पर बसाया गया था, ढह गया है। पीसी घोष आयोग की रिपोर्ट को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। हम आने वाले दिनों में इस रिपोर्ट को विधानसभा में पेश करेंगे और सभी की राय लेंगे। सरकार जल्द ही इसे विधानसभा में पेश करेगी और सभी की राय के अनुसार आगे बढ़ेगी।
बीआरएस आयोग द्वारा रिपोर्ट की आलोचना करना स्वाभाविक
सीएम ने कहा कि बीआरएस आयोग द्वारा इस रिपोर्ट की आलोचना करना स्वाभाविक है। अगर रिपोर्ट उनके पक्ष में है, तो एक बात सही है। अगर नहीं, तो दूसरी बात, यह कहना उनकी आदत है। आयोग की रिपोर्ट में कोई राजनीतिक हस्तक्षेप नहीं है। यह स्वतंत्र न्यायिक आयोग द्वारा दी गई रिपोर्ट रिपोर्ट का सारांश, सभी के सुझावों के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। हम राजनीतिक पक्षपातपूर्ण कार्रवाई नहीं करेंगे। हम रिपोर्ट पर सभी की राय लेंगे और आगे बढ़ेंगे।
पीसी घोष कौन है ?
न्यायमूर्ति पी. सी. घोष (Pinaki Chandra Ghose) भारत के पहले लोकपाल (‘पी. सी. घोष’ यही संक्षिप्त रूप से लोकप्रिय) है।
पीसीएस आयोग का गठन कौन करता है?
‘पी.सी.एस.’ परीक्षा राज्य स्तर की प्रशासनिक सेवा (Provincial Civil Service) है, जिसके लिए संबंधित राज्य लोक सेवा आयोग (State Public Service Commission – SPSC) क़ानूनी तौर पर ज़िम्मेदार है।
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