पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया
हैदराबाद। एक स्थानीय अदालत ने गुरुवार को सरोगेसी घोटाले (Surrogacy Scam) के एक मामले की मुख्य संदिग्ध डॉ. पी. नम्रता (Dr. P. Namrata) को पाँच दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया। डॉ. नम्रता को इस हफ़्ते की शुरुआत में कथित तौर पर फ़र्ज़ी सरोगेसी प्रक्रियाएँ करने के आरोप में सिकंदराबाद स्थित सृष्टि फर्टिलिटी सेंटर के उनके कर्मचारियों समेत अन्य लोगों के साथ गिरफ्तार किया गया था।
बच्चे का डीएनए परीक्षण उनके माता-पिता में से किसी से भी मेल नहीं खाता
गोपालपुरम पुलिस ने नम्रता की सात दिन की हिरासत की मांग करते हुए एक याचिका दायर की थी, जो फिलहाल जेल में न्यायिक हिरासत में है। अदालत ने याचिका पर गौर किया और दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद शुक्रवार से पुलिस हिरासत की अनुमति दे दी। यह मेडिकल घोटाला तब प्रकाश में आया जब राजस्थान के एक दम्पति को पता चला कि सरोगेट बच्चे के रूप में उन्हें दिए गए बच्चे का डीएनए परीक्षण उनके माता-पिता में से किसी से भी मेल नहीं खाता। गोपालपुरम पुलिस की अब तक की जांच से पता चला है कि नम्रता अपने सहयोगियों और एजेंटों के साथ मिलकर कमजोर महिलाओं को निशाना बनाती थी और पैसे के लिए उन्हें सरोगेट मां बनाती थी।
सरोगेसी से आप क्या समझते हैं?
किसी महिला द्वारा किसी अन्य दंपत्ति के लिए गर्भ धारण कर उनके बच्चे को जन्म देना सरोगेसी कहलाता है। इसमें महिला अपने गर्भ में शिशु को विकसित करती है, लेकिन जन्म के बाद शिशु की कानूनी माँ वह नहीं होती, बल्कि इच्छुक माता-पिता होते हैं।
सरोगेसी क्या है?
एक ऐसी प्रक्रिया जिसमें कोई महिला किसी अन्य व्यक्ति या दंपत्ति के लिए गर्भवती होती है और शिशु को जन्म देती है, सरोगेसी कहलाती है। यह प्रक्रिया तब अपनाई जाती है जब कोई महिला स्वयं गर्भ धारण करने में असमर्थ होती है या चिकित्सकीय कारण होते हैं।
सरोगेसी का क्या अर्थ है?
दूसरे के लिए गर्भवती होकर शिशु को जन्म देने की प्रक्रिया को ही सरोगेसी कहते हैं। यह शब्द लैटिन मूल के “surrogatus” से आया है, जिसका अर्थ है “स्थानापन्न बनना”। यह एक चिकित्सा और कानूनी रूप से नियंत्रित प्रक्रिया होती है।
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