Kothagudem : बिजली का तार टूटने से जिंदा जल गया किसान

By Ankit Jaiswal | Updated: August 6, 2025 • 12:31 AM

परिवार असहाय होकर देखता रहा

कोत्तागुडेम। गुंडाला मंडल के शंभुनिगुडेम ग्राम पंचायत के वेनेलाबैलु गांव में मंगलवार को एक युवा किसान को जिंदा जला दिया गया, जबकि उसका परिवार भयभीत होकर देख रहा था और मदद करने में असमर्थ था। पीड़ित, पारसिका राजू (30), मोटरसाइकिल (Motorcycle) से अपने खेत जा रहा था, तभी उसे ज़मीन पर पड़ी टूटी हुई बिजली की लाइन का ध्यान नहीं आया। जैसे ही उसकी बाइक बिजली के तार के संपर्क में आई, उसे करंट लगा और वह ज़मीन पर गिर पड़ा। फिर मोटरसाइकिल में आग लग गई और राजू वहीं आग की लपटों में घिर गया जहाँ वह गिरा था। घटना के गवाह बने आस-पास के किसानों ने राजू के परिवार को इसकी सूचना दी, जो घटनास्थल (On the spot) पर पहुंचे, लेकिन उसे मरते हुए केवल देख पाए, क्योंकि बिजली का झटका लगने के डर से वे हस्तक्षेप नहीं कर पाए

अधिकारियों और फील्ड स्टाफ की लापरवाही का नतीजा है यह हादसा

स्थानीय किसानों ने नॉर्दर्न पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड (एनपीडीसीएल) को ज़िम्मेदार ठहराया और आरोप लगाया कि यह हादसा अधिकारियों और फील्ड स्टाफ की लापरवाही का नतीजा है। उन्होंने कहा कि बिजली के खंभे पर लगा एक इंसुलेटर टूट गया था, जिससे तार टूट गया, लेकिन बिजली कर्मचारियों ने सूचना दिए जाने के बावजूद समय पर कार्रवाई नहीं की। किसानों ने एनपीडीसीएल से कृषि भूमि से गुजरने वाली खतरनाक रूप से नीचे लटकी वितरण लाइनों को ठीक करने तथा आगे की दुर्घटनाओं को रोकने के लिए उचित भूमि निकासी सुनिश्चित करने के लिए तत्काल कार्रवाई की मांग की।

बिजली का इतिहास क्या है?

प्राचीन काल में यूनानी दार्शनिक थेल्स ने राल को मसलने पर चुम्बकीय गुण पाए थे, जिससे बिजली की खोज की नींव पड़ी। 18वीं शताब्दी में बेंजामिन फ्रैंकलिन ने विद्युत की प्रकृति पर प्रयोग किए। इसके बाद माइकल फैराडे ने जनरेटर बनाकर विद्युत उत्पादन संभव किया।

बिजली का दूसरा नाम क्या है?

विद्युत को ही बिजली का दूसरा नाम कहा जाता है। संस्कृत में इसे ‘विद्युत्’ कहते हैं जबकि वैज्ञानिक भाषा में इसे ‘इलेक्ट्रिसिटी’ कहते हैं। यह ऊर्जा का एक रूप है जो ताप, प्रकाश और गति जैसे कार्यों में प्रयोग होती है।

बिजली की उत्पत्ति कैसे हुई है?

पारंपरिक रूप से बिजली थर्मल पावर, जलविद्युत और परमाणु ऊर्जा से उत्पन्न होती है। टरबाइन के घूमने से जनरेटर चालू होता है जो यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में बदलता है। हाल के वर्षों में सौर और पवन ऊर्जा से भी बिजली बनाई जा रही है।

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